एमके स्टालिन ने ईडी एक्शन का किया कड़ा विरोध, सेंथिल बालाजी को अब भी बनाए हुए हैं बिना पोर्टफोलियो के मंत्री
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 16, 2023 11:33 AM2023-06-16T11:33:35+5:302023-06-16T11:36:32+5:30
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सेंथिल बालाजी को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बनाए हुए हैं।
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिनप्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सेंथिल बालाजी को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बनाए हुए हैं। ईडी ने सेंथिल बालाजी को कैश के बदले नौकरी देने के आरोप में रात में 2 बजे उनके आवास से गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री स्टालिन ने बालाजी के बिजली, उत्पाद शुल्क और शराब विभागों की जिम्मेदारी अन्य मंत्रियों को दे दी है, जबकि राज्यपाल ने स्टालिन के फैसले का कड़ा विरोध किया था।
इस घटनाक्रम के इतर मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को ईडी की हिरासत में बीमार बालाजी को सरकारी अस्पताल से हटाकर किसी निजी भी अस्पताल में दाखिल कराने का आदेश दिया। गिरफ्तार मंत्री बालाजी हृदय रोग से पीड़ित हैं और चिकित्सकों ने उन्हें जल्द से जल्द सर्जरी कराने की सिफारिश की है लेकिन बालाजी को होने वाले चिकित्सा खर्च को स्वयं वहन करना होगा।
इस संबंध में मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जे निशा बानू और डी भरत चक्रवर्ती ने बालाजी की पत्नी मेघला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिये अंतरिम आदेश में कहा कि बालाजी ईडी हिरासत में बने रहेंगे और ईडी द्वारा गठित डॉक्टरों का एक पैनल भी उनसे मिल सकता है।
बेंच के दोनों जजों ने कहा कि मंत्री बालाजी के अस्पताल में रहने की अवधि ईडी की हिरासत में पूछताछ की अवधि से अलग होगी। वहीं बालाजी को मंत्रालय से हटाने के लिए विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और भाजपा के बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री स्टालिन ने स्पष्ट कर दिया कि सेंथिल बालाजी बिना पोर्टफोलियो के मंत्री के रूप में उनकी कैबिनेट में बने रहेंगे।
स्टालिन ने गुरुवार रात में राज्यपाल आरएन रवि से भी कह दिया कि ईडी हिरासत में रहने के बावजूद बालाजी मंत्री बने रहेंगे। मामले में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल रवि ने मुख्यमंत्री की उस सिफारिश को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें सीएम स्टालिन ने अपनी संवैधानिक शक्ति का प्रयोग करते हुए मंत्री बालाजी को दिये विभागों को अन्य मंत्रियों के बीच बांट दिया। पोनमुडी ने कहा कि राज्यपाल रवि ने स्टालिन को जवाब देते हुए कहा कि उनके द्वारा बताए गए कारण "भ्रामक और गलत हैं"।
स्टालिन ने राज्यपाल को वापस लिखा है कि राज्यपाल असंवैधानिक रूप से और संघीय सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रहे थे क्योंकि वह मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य थे। इस महीने की शुरुआत में स्टालिन ने राज्यपाल के उस सुझाव को खारिज कर दिया था कि एक मामले का सामना कर रहे मंत्री को कैबिनेट से हटा दिया जाना चाहिए। स्टालिन ने कहा था कि ऐसी कोई संवैधानिक आवश्यकता नहीं है।
स्टालिन ने गुरुवार को एक वीडियो बयान में आरोप लगाया था कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की जनविरोधी सरकार राजनीति में लिप्त है और इसके लिए वो ईडी के माध्यम से अपनी राजनीति करना चाहती है।
बालाजी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए स्टालिन ने कहा, “सेंथिल बालाजी को ईडी द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है और हम सब इस बात से अवगत हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक निर्लज्ज राजनीतिक प्रतिशोध है। 10 साल पुराने एक मामले को उठाते हुए उन्हें कैद कर लिया गया और मानसिक दबाव में डाला जा रहा है। ईडी की वजह से वह मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो गये हैं और यहां तक कि उसे दिल की बीमारी भी हो गई है। क्या इससे ज्यादा बेशर्म राजनीतिक बदले की कार्रवाई हो सकती है?”
उन्होंने कहा, "ऐसे बीमार व्यक्ति को आतंकवादी की तरह कैद करने की क्या जरूरत है? जब ईडी के अधिकारी आए तो उन्होंने पूरा सहयोग दिया और कहा कि वे जो भी स्पष्टीकरण मांगेंगे, वह देने को तैयार हैं। इसके बावजूद उन्हें 18 घंटे तक बंद रखा गया और किसी से मिलने नहीं दिया गया। क्या देश में अघोषित आपातकाल है? ईडी की गतिविधि से ऐसा लगता है।”