Coronavirus in Bihar: दिल्ली से बिहार लौटा हर चौथा मजदूर कोरोना पॉजिटिव, अन्य राज्यों से लौटे श्रमिकों का भी बुरा हाल
By निखिल वर्मा | Updated: May 19, 2020 11:52 IST2020-05-19T11:36:55+5:302020-05-19T11:52:36+5:30
बिहार में कोरोना वायरस के अब तक 1391 मामले सामने आए हैं. कोविड-19 से संक्रमित 494 लोगों का सफल इलाज किया जा चुका है जबकि इस खतरनाक वायरस से 9 लोगों की मौत हुई है.

पैदल अपने घरों की लौटते प्रवासी मजदूर (लोकमत फाइल फोटो)
बिहार में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य सरकार दोहरी चुनौतियों का सामना कर रही है। बाहर से लौटे सैकड़ों प्रवासी मजदूरकोरोना वायरस पॉजिटिव निकले जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। इनमें से ज्यादातर केस स्पर्शोन्मुख (asymptomatic) हैं। स्पर्शोन्मुख ऐसे मरीजों को कहा जाता है जिनमें लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। 18 मई तक बिहार में प्रवासी श्रमिकों के कुल 8,337 नमूनों का परीक्षण किया और लगभग 8% मजदूर कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। बता दें कि कोरोना वायरस पॉजिटिव की राष्ट्रीय दर करीब 4 फीसदी है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, दिल्ली से लौटे प्रवासी श्रमिकों से लिए गए 835 नमूनों में से 218 पॉजिटिव थे। कोरोना की पुष्टि की ये दर 26 फीसदी से ज्यादा है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में ये दर करीब सात फीसदी है। पश्चिम बंगाल से लौटे प्रवासी श्रमिकों के 265 नमूनों में से 33 का परीक्षण सकारात्मक रहा। प्रवासी मजूदरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 12 फीसदी रही जबकि बंगाल में भी इसकी दर से 3 फीसदी है।
हरियाणा से लौटे प्रवासी श्रमिकों के 390 नमूनों में से 36 नमूने सकारात्मक पाए गए। कोविड-19 की ये दर 9 फीसदी है जबकि हरियाणा में पॉजिटिविटी दर 1.16 फीसदी है। बिहार से मिल रहा जेटा न केवल राज्य में कोरोना वायरस से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए यह आवश्यक है।
सबसे पहले, यह दिल्ली में एक बड़ी स्पर्शोन्मुख आबादी की उपस्थिति को दर्शाता है। दूसरा, यह राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को इन प्रवासियों के संपर्क का पता लगाने के लिए मार्गदर्शन कर सकता है। साथ ही उन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जा सकती है जहां अब तक किसी का ध्यान नहीं गया हो।
सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि बिहार में आने वाले सभी राज्यों से प्रवासी मजदूर कोविड-19 से संक्रमित निकल रहे हैं। जैसे महाराष्ट्र से बिहार से लौटे जिन 1283 प्रवासी मजदूरों के नमूने लिए गए उनमें से 141 को कोविड-19 की पुष्टि हुई। राज्य में बाहर से आए प्रवासी मजूदरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 11 फीसदी रही जबकि महाराष्ट्र में भी इसकी दर से 11.7 फीसदी है।