Coronavirus: लॉकडाउन के बीच फंसे प्रवासी मजदूर, गुजरात सरकार ने अपने गृह राज्य लौटने की दी इजाजत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 30, 2020 08:46 PM2020-04-30T20:46:59+5:302020-04-30T20:46:59+5:30

केंद्र के इस निर्णय से प्रवासी श्रमिकों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी है जो लॉकडाउन के कारण प्रदेश में फंसे हैं और उन्हें विभिन्न तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

Migrant workers trapped in Gujarat ready to return to their home state amid coronavirus lockdown | Coronavirus: लॉकडाउन के बीच फंसे प्रवासी मजदूर, गुजरात सरकार ने अपने गृह राज्य लौटने की दी इजाजत

प्रसन्न हैं कि उन्हें वापस अपने घर जाने की अनुमति मिल गयी है। सिंह ने कहा, 'मैं वहां अपने परिवार की मदद के लिये कुछ खेती कर सकता हूं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsअधिकारियों के अनुसार पूरे प्रदेश में इन प्रवासी श्रमिकों के अलावा करीब चार हजार अन्य लोगों को आश्रय गृहों में रखा गया है जो लौटने का इंतजार कर रहे हैं।अहमदाबाद में फंसे श्रमिकों ने वापस घर लौटने के लिय अपना सामान बांधना शुरू कर दिया है। 

अहमदाबाद: देश के दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को अपने राज्य लौटने की अनुमति केंद्र से मिलने के बाद गुजरात में फंसे प्रवासी श्रमिक अपने अपने गृह राज्य लौटने के लिय तैयार हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये पिछले एक महीने से देश भर में लॉकडाउन जारी है जिसके कारण उनके आय का कोई स्रोत नहीं रह गया है जिससे उनके समक्ष भोजन का संकट पैदा हो गया है। केंद्र के इस निर्णय से प्रवासी श्रमिकों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी है जो लॉकडाउन के कारण प्रदेश में फंसे हैं और उन्हें विभिन्न तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

उनमें से बहुतेरे ऐसे हैं जो एकाकीपन से लड़ रहे हैं और घर के बाहर रहने से दुखी हैं क्योंकि अपने सगे संबंधियों से दूर हैं। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र की ओर से फंसे लोगों के लिये अंतरराज्यीय आवागमन पर बुधवार को जारी दिशा निर्देश के बाद गुजरात सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को वापस भेजने के लिये प्रयास तेज कर दिये हैं, जो मुख्यत: उत्तर प्रदेश से हैं। अहमदाबाद में फंसे श्रमिकों ने वापस घर लौटने के लिय अपना सामान बांधना शुरू कर दिया है। 

मूल रूप से मध्य प्रदेश के मुरैना जिला निवासी तथा वर्तमान में अहमदाबाद के रानिप इलाके में रहने वाले श्याम सिंह ने बताया, 'लॉकडाउन के बाद मेरे और मेरे परिवार के लिये जीवन बहुत कठिन हो गया है क्योंकि मेरे पास अब कोई पैसा नहीं बचा है। मैं हर महीने करीब 13 हजार रुपये कमाता था, लेकिन​ पिछले एक महीने से कोई आय नहीं है।' साइकिल पर बच्चों के कपड़े बेचने वाले सिंह ने कहा, 'हम अपने घर जाने के इच्छुक थे, लेकिन यह संभव नहीं था। मैंने अपने दैनिक खर्चे के लिये अपने दोस्त से पैसा उधार लिया हुआ है।'

वह इस बात से प्रसन्न हैं कि उन्हें वापस अपने घर जाने की अनुमति मिल गयी है। सिंह ने कहा, 'मैं वहां अपने परिवार की मदद के लिये कुछ खेती कर सकता हूं। मैंने यात्रा के लिये अपना सामान बांध लिया है। अगर मुझे अपने गृह राज्य में कोई अच्छा काम मिल जाता है तो मैं यहां नहीं लौटूंगा।' उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के रहने वाले कुलभूषण शर्मा शहर के चंदलोडिया इलाके में पानी पुरी बेचते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो कुछ बचाया था, उसी से उनका खर्च चल रहा है। 

शर्मा ने बताया, 'एक बार मैंने सोचा कि पैदल ही आगरा चले जायें लेकिन मेरे परिवार ने मुझे इंतजार करने को कहा। मुझे खुशी है कि सरकार ने हमारे दर्द को समझा है। हर समय पैसे की ही बात नहीं होती है। हम में से कई लोग असल में यहां अकेलापन महसूस कर रहे हैं। हम इस स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं अगर हमारे साथ परिवार के लोग और हमारे सबंधी हों।' अधिकारियों के अनुसार पूरे प्रदेश में इन प्रवासी श्रमिकों के अलावा करीब चार हजार अन्य लोगों को आश्रय गृहों में रखा गया है जो लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

Web Title: Migrant workers trapped in Gujarat ready to return to their home state amid coronavirus lockdown

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