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#MeToo: मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सुनाई आपबीती- "उसने ऐसे छुआ था, आज भी नहीं भूल पाई"

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: October 13, 2018 11:49 IST

अबकी मीटू मूवमेंट इंडिया महज बॉलीवुड सेलिब्रेटियों तक सिमटा नहीं रहा है। इस बार मीटू अभियान में राजनेता, पत्रकार, कॉमेडियन, खेल जगत और साहित्य जगत की दुनिया के लोगों का भी खुलासा हो रहा है।

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#MeToo मूवमेंट में मशहूर लेखिका तस्‍लीमा नसरीन ने अपने यौन शोषण का खुलासा किया है। उन्होंने शनिवार को एक मशहूर कवि पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया। न्यूज नेशन को दिए गए एक एक्‍सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने अपनी आपबीती साझा की।

अबकी मीटू मूवमेंट इंडिया महज बॉलीवुड सेलिब्रेटियों तक सिमटा नहीं रहा है। इस बार मीटू अभियान में राजनेता, पत्रकार, कॉमेडियन, खेल जगत के दुनिया के लोगों का भी खुलासा हो रहा है।

इसी क्रम में अब साहित्य जगत के लोगों का भी खुलासा होने लगा है। भारत के मशहूर लेखक चेतन भगत पर लगे आरोंपों के बाद भारत में बेहद मशहूर बांग्लादेशी-स्वीडिश लेखिका तस्लीमा नसरीन खुलकर सामने आई हैं और उन्होंने एक ऐसे शख्‍सियत पर आरोप लगाया है, जिसे वह कभी बड़ा भाई मानती ‌थीं।

आज भी उस घटना को भुला नहीं पाई हूंः नसरीन

न्यूज नेशन को दिए अपने साक्षात्कार में तस्लीमा ने बताया कि वह आज भी उस घटना को भुला नहीं पाई हैं। वह घटना आज भी उन्हें आघात पहुंचाती है।

खबर के अनुसार तस्लीमा नसरीन ने मशहूर कव‌ि सुनील गंगोपाध्याय पर आरोप लगाया है। गंगोपाध्याय अपनी मशहूर रचना "निर्वासित बाहिरे अंतर" (हिन्दी में- निर्वासित, बाहर या भीतर) के लिए जाने जाते हैं। तस्लीमा उन्हें अपना बड़ा भाई मानती थीं। लेकिन उन्होंन भरोसा तोड़ दिया।

एक दिन सुनील गंगोपाध्याय ने तस्लीमा नसरीन को गलत तरह से छुआ। इसे तस्लीमा कभी भी भुला नहीं पाईं।

एमजे अकबर पर आरोप दुखी करने वाला थाः नसरीन

तस्लीमा नसरीन ने यह भी कहा कि मीटू में एमजे अकबर का नाम आना काफी सदमा पहुंचाने वाला है। क्योंकि वह अकबर को एक प्रतिष्ठित एडिटर और वक्ता के रूप में जानती थीं।

ठीक उसी तरह से जैसे वह सुनील गंगोपाध्याय की बहुत इज्जत करती थीं। लेकिन सुनील ने उनका विश्वास तोड़ा और उनके साथ ऐसी घटना को अंजाम दिया, जिसके आघात से आज भी तस्लीमा निकल नहीं पाई हैं।

मीटू के आरोपियों को मांगनी चाहिए माफीः नसरीन

सरकारी कामकाज को अक्सर कठघरे में खड़ा करने वाली नसरीन ने कहा कि वह फिलहाल एमजे अकबर पर सरकार की ओर से होने फैसले को लेकर कुछ नहीं जानतीं। ना इस पर इससे ज्यादा कुछ कहना चाहती हैं। लेकिन साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि आरोपी को माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने इस बात अधिक जोर दिया कि ऐसे मामलों को लेकर लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी ऐसे लोगों को सामने आना होगा, जो इस तरह के दौर से गुजर रहे हैं।

तस्लीमा नसरीन कहा, "महिलाओं से दासी की तरह व्यवहार किया जाता है। पुरुषों को उनका शोषण करने का पूरा अधिकार दिया जाता है। यह गलत है। यह बदलना चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा, "जब कभी महिलाएं ऐसी बातों खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करती हैं। उनकी आवाज दबाने की हर संभव कोशिश की जाती है।"

उल्लेखनीय है कि सुनील गंगोपाध्याय अथवा सुनील गांगूली एक भारतीय बंगाली कवि व उपन्यासकार थे। वह कोलकाता में रहते थे। उनका 23 अक्टूबर, 2013 को निधन हुआ था।

टॅग्स :# मी टूएमजे अकबर
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