#MeToo अभियान के तहत यौन शोषण के आरोपों के बीच चौतरफा दबाव झेल रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सफाई देते हुए कहा है कि साक्ष्य के बिना आरोप एक वायरल बुखार बन गया है, उनके ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि अपने ऊपर लगे इन आरोपों पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।उन्होंने कहा कि विदेश दौरे पर होने के कारण वह पहले जवाब नहीं दे सके।
इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के #MeToo अभियान को भी राजनैतिक रूप दिया। समचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि ये सभी आरोप चुनाव से पहले आरोप लगाना एजेंडा हो सकता है।इसके कारण मेरी छवि को काफी नुकशान पहुंचा है।
बता दें उनपर 10 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उनके इस्तीफे को लेकर दबाव बनाया जा रहा था।
इससे पहले विदेश राज्यमंत्री अकबर ने रविवार सुबह दिल्ली पहुंचने पर पत्रकारों से कहा था कि वह यौन उत्पीड़न मामले में बाद में बयान देंगे। इसके बाद वह वहां से निकल गए थे।
आपको बता दें, जिस समय 2007 में एमजे अकबर एशियन एज के संपादक थे उस वक्त वहां एक विदेशी महिला पत्रकार, जिनका नाम डीपी कांप (de Puy Kamp) है उन्होंने आरोप लगाया है कि अकबर ने उनका यौन उत्पीड़न किया। उस वक्त अकबर 55 साल के थे और उनकी उम्र 18 साल थी।
इंटर्नशिप के आखिरी दिन हुआ ऐसा
डीपी कांप (de Puy Kamp) ने हफपोस्ट इंडिया को बताया कि वह अकबर से मुलाकात उसकी अपने पिता की वजह से हुई थी। उनके पिता 1990 में दिल्ली में विदेशी संवाददाताओं के रूप में काम किया था।
महिला पत्रकार ने बताया, ''जिस दिन उसके इंटर्नशिप का आखिर दिन था। उस दिन वह अकबर से बात करने जाने वाली थीं, लेकिन वह खुद उसके डेस्क के पास आकर इधर-उधर घुमने लगा। मैं उस वक्त बैठी हुई थी तो मैंने अपना हाथ उनकी ओर बढ़ाया, लेकिन इतने में वो मेरी तरफ आए और मेरे हाथे के नीछे से हाथ लगाकर जबरन मेरे कंधे को पकड़ा। उसके बाद खींच कर मेरे लिप पर किस किया और जबरन मेरे मुंह में अपने जीभ डाल दी और चुपचाप वहीं खड़ा रहा।
उन्होंने आगे बताया, अकबर ने जो किया इससे उसका भरोसा टूट चुका था। हालांकि मैंने लोगों को एशियन एज के दिल्ली ऑफिस में अकबर का ‘हरम’ कहकर बुलाते भी सुना था। महिला ने बताया दफ्तर में जवान लड़कियों की संख्या पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा थी। मैं अक्सर सब संपादकों-रिपोर्टरों के साथ अकबर के अफेयर की चर्चाएं भी सुना करती थी और यह भी कि एशियन एज के हर क्षेत्रीय ऑफिस में उनकी एक गर्लफ्रेंड है लेकिन उस दिन जो मेरे साथ हुआ उसके बाद मुझे यकीन भी हो गया।
इन महिला पत्रकारों ने भी लगाए आरोप
- हफपोस्ट इंडिया ने से बात करते हुए एशियन एज की एक और महिला पत्रकार, जिनका नाम सुपर्णा शर्मा है। उन्होंने बताया, 1993 में वह एशियन एज की दिल्ली ऑफिस में ज्वाइन किया था। उन्होंने बताया कि नौकरी के दो साल के अंदर ही उन्होंने मुझे कर्नाटक चुनाव कवर करने के लिए भेज दिया था और पिछले कुछ सालों में उन्होंने मुझे सेक्सुअली हैरेस भी किया है। सुपरना शर्मा वर्तमान में नई दिल्ली में द एशियन एज की संपादक हैं।
- मुंबई में एक अन्य पत्रकार, जो 2004 में मुंबई में एशियन एज में ज्वाइन किया था। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा है, अकबर भले ही बहुत बड़े ज्ञानी हो लेकिन वह सेक्सुअलिटी को लेकर पागल हैं। उनका आरोप है कि अकबर ने उन्हें भी न्यूजरूम के अंदर या फिर बाहर अकबर हमेशा ही परेशान और दुर्रव्यहार करते थे।
- हफपोस्ट के मुताबिक द सुंडे गार्जियन में काम कर रहे एक पुरुष पत्रकार ने बताया कि एमेज अकबर हमेशा महिलाओं के ब्रेस्ट को घूरते रहते थे और इसमें कोई दोराय नहीं है।
जबरदस्ती करता था किस करने की कोशिश
- सबसे पहले पत्रकार गज़ाला वहाब ने द वायर पर लिखे एक लेख में एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। गजाला वहाब एशियन एज में पत्रकार थीं और एमजे अकबर अखबार के संस्थापक संपादक थे। वहाब वर्तमान में फोर्स मैगजीन की एक्जिक्यूटिव एडिटर हैं। उन्होंने कई ऐसी घटना के बारे में बताया है, जिसमें अकबर ने में कथित तौर पर जबरन किस करके उनके साथ छेड़छाड़ की।
वहाब ने बताया है कि जब 1994 से 1997 के बीच 'एशियन एज' अखबार में वह काम कर रही थीं तब अकबर उसके संस्थापक-संपादक थे और उन्होंने उन्हें ऑफिस में ऐसी जगह बैठाने के लिए कहा था जहां से वह उन्हें दिखती हों। गौरतलब है कि #MeToo कैम्पेन के तहत प्रिया रमनी, कनिका गहलोत, शुमा राह, प्रेरणा सिंह बिंद्रा, शुतपा पॉल, सुपर्णा शर्मा, एक अज्ञात महिला, गज़ाला वहाब, डीपी कांप महिला पत्रकारों ने अभी तक एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यहार का आरोप लगा चुकी हैं।
तनुश्री दत्ता से शुरू हुआ #MeToo मूवमेंट
अमेरिका से शुरू हुआ #MeToo मूवमेंट करीब दो साल बाद भारत में दोबारा शुरू हो चुका है। भारत में इसे शुरू करने का श्रेय अभिनेत्री तनुश्री दत्ता को दिया जा रहा है। तनुश्री दत्ता ने अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगा कर मधुमक्खी के छत्ते में पत्थर मार दिया। उसके बाद फिल्म फिल्म अभिनेता आलोक नाथ, गायक कैलाश खेर, डायरेक्टर विकास बहल, गायक रघु दीक्षित, कमेंटेटर और लेखक सुहेल सेठ, गायक अभिजीत भट्टाचार्य, एआईबी के कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती, लेखक चेतन भगत, टीवी चैनल आज तक के निदेशक सुप्रियो प्रसाद, कोरियोग्राफर गणेश आचार्य, फिल्म डायरेक्टर राकेश सारंग, अभिनेता रजत कपूर, फिल्म मसान के लेखक वरुण ग्रोवर और संगीतकार अनु मलिक इत्यादी पर #MeToo के तहत आरोप लगे हैं।