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जम्मू कश्मीर में फिर लौटा स्टिकी बमों का खतरा, सुरक्षा एजेंसियां हुईं सतर्क

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 1, 2023 16:45 IST

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के सामने एक भारी चुनौती स्टिकी बम के रूप में सामने आ रही है। पुलिस ने आशंका जताई है कि आने वाले समय में आतंकी इन बमों के जरिये बड़े पैमाने पर दहशतगर्दी फैला सकते हैं।

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ठळक मुद्देजम्मू कश्मीर में स्टिकी बमों का खतरा फिर से मंडराने लगा है, सुरक्षा ऐजेंसियां इसे लेकर बेहद गंभीर हैंपुलिस का कहना है कि आतंकी आने वाले दिनों ऐसे बमों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैंपिछले साल जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में आतंकियों ने इन्हीं स्टिकी बमों के जरिये कई हमले किये थे

जम्मू: दो साल के अरसे के बाद एक बार जम्मू कश्मीर में स्टिकी बमों का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि स्टिकी बमों की कोई ताजा खेप कहीं से पकड़ी नहीं गई है पर पुलिस का कहना है कि आतंकी आने वाले दिनों ऐसे बमों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके प्रति चिंता दो दिन पहले हुई वरिष्ठ सुरक्षाधिकारियों की बठक में भी प्रकट की जा चुकी है।

जानकारी के लिए पिछले साल कश्मीर में स्टिकी बमों के कई हमले हुए थे। उसके बाद सांबा में बार्डर पर इसकी एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। हालांकि उसके बाद न ही इनकी कोई बरामदगी हुई थी और न ही कोई इस्तेमाल हुआ जिस कारण सुरक्षाबल इनके प्रति लापरवाह हो गए थे।

पिछले साल जम्मू व कटरा में हुए धमाकों में इनके इस्तेमाल के बाद अब खुफिया सूचनाएं कहती थीं कि आतंकी इनका इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वाले श्रद्धालुओं को नुक्सान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं। ऐसी सूचनाओं की पुष्टि कश्मीर रेंज के एडीजीपी विजय कुमार भी किया करते थे।

दरअसल अभी आईईडी और हथगोलों के कामयाब व नाकाम हमलों से सुरक्षाबल जूझ ही रहे थे कि स्टिकी बमों की बरामदगी और कई खेपों के जम्मू कश्मीर में पहुंच जाने की खबरों ने सभी को दहशतजदा कर दिया है। इसके प्रति सुरक्षाधिकारियों ने चेताते हुए कहा है कि यह भयानक और शक्तिशाली भी हो सकते हैं और आतंकी इनसे तबाही मचा सकते हैं।

वर्ष 2021 में मार्च महीने में कश्मीर में एक टिप्पर को स्टिकी बम से उड़ाने की नाकाम कोशिश के बाद कुछ स्टिकी बम बरामद हुए तो खुफिया अधिकारियों ने कहा था कि अब आतंकी ग्रेनेड व आईईडी के स्थान पर स्टिकी बमों को तरजीह दे सकते हैं। इसके पीछे के कारणों को सुरक्षाधिकारी कुछ इस तरह से गिनाते थे कि यह बड़ी मात्रा में जम्मू कश्मीर पहुंच चुके हैं और यह आसानी से छुपाए जा सकते हैं। इसके अलावा यह मेटल डिटेक्टर की नजरों से भी बच जाते हैं।

ऐसे में जम्मू कश्मीर के नागरिकों का दहशतजदा होना जायज है। इसका भी कारण सुरक्षाधिकारियों की वह चेतावनी है जिसमें वे कहते थे कि आतंकी इन स्टिकी बमों का इस्तेमाल आम नागरिकों के वाहनों पर चिपका कर विस्फोट करने के इरादे लिए हुए हैं। कटरा में पिछले साल श्रद्धालुओं की बस को स्टिकी बमों से उड़ाया जा चुका है जिसमें चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।

अब खुफिया सूचनाओं के बाद दहशत का आलम सुरक्षाबलों के गलियारों में भी देखा जा सकता है जो इन स्टिकी बमों को तलाश करने की तरकीबें तलाश रहे हैं तथा सुरक्षा बंदोबस्त में ऐसे उपकरण शामिल करने पर जोर देने लगे हैं जिनसे इन स्टिकी बमों के हमलों को रोका जा सके।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरJammuआतंकवादीआतंकी हमला
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