लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता फिर बहाल, राहुल गांधी के लिए भी अहम हो सकता है फैसला

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 29, 2023 02:27 PM2023-03-29T14:27:24+5:302023-03-29T14:34:02+5:30

मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की जेल की सजा के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। केरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद मोहम्मद फैजल ने एक बार फिर लोकसभा सचिवालय से उनकी सांसदी बहाल करने की सिफारिश की थी।

Membership of Lakshadweep MP Mohammad Faizal reinstated decision may be important for Rahul Gandhi as well | लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता फिर बहाल, राहुल गांधी के लिए भी अहम हो सकता है फैसला

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता फिर से बहाल

Highlightsलक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता फिर से बहाल 10 साल की जेल की सजा के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया थाकेरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता एक बार फिर से बहाल हो गई है। फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की जेल की सजा के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कवारत्ती में एक सत्र अदालत से हत्या के प्रयास के मामले में 11 जनवरी 2023 को मोहम्मद फैजल  को दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई थी।

सत्र अदालत के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय से 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि दोषी ठहराए जाने के चलते फैजल  11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं। मोहम्मद फैजल ने सत्र अदालत के फैसले को केरल हाई कोर्ट में चुनौती दी। फैजल की सदस्यता रद्द होने के बाद चुनाव आयोग ने उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया था। इसी बीच 25 जनवरी को केरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी।

केरल हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद मोहम्मद फैजल ने एक बार फिर लोकसभा सचिवालय से उनकी सांसदी बहाल करने की सिफारिश की थी। अब लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया है। बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाती है।

मोहम्मद फैजल पर आरोप था कि सांसद और अन्य लोगों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद पदनाथ सालिह पर तब हमला किया जब वे 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए उनके पड़ोस में पहुंचे थे। कवारत्ती में जिला और सत्र न्यायालय ने 2009 में उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में दस साल की सजा के अलावा एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

राहुल गांधी के लिए भी अहम हो सकता है फैसला

 

सूरत कोर्ट से मानहानि के मामले में दोषी पाए जाने के बाद राहुल गांधी की भी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। अगर राहुल गांधी भी सूरत कोर्ट के फैसले को उपरी अदालत में चुनौती देते हैं और सजा पर रोक लग जाती है तब ऐसी स्थिति में उनकी संसद सदस्यता एक बार फिर बहाल हो सकती है।

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