चोकसी को 'बेदाग रिपोर्ट' देने पर मुंबई पुलिस की सफाई, 2017 में नहीं था कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 4, 2018 10:46 PM2018-08-04T22:46:11+5:302018-08-05T05:41:27+5:30
मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
मुंबई, 4 अगस्तः भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को पुलिस वेरिफिकेश रिपोर्ट जारी करने के मामले में शुक्रवार को मुंबई पुलिस ने जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस इसबात की भी समीक्षा करेगी कि पुलिस वेरिफिकेशन के लिए मौजूदा सिस्टम में क्या सुधार की गुंजाइश है। पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि जिस वक्त मेहुल चोकसी को क्लियर रिपोर्ट दी गई, उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। अगर ऐसा होता तो सिस्टम में पकड़ में आ जाता। फिलहाल, चोकसी पंजाब नेशलन बैंक फ्रॉड मामले का मुख्य आरोपी है।
मुम्बई पुलिस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि यहां के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) ने उसे 2015 में ‘‘पुलिस सत्यापन जरूरी नहीं’’ दर्जा प्रदान किया था और इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक कथित धोखाधड़ी मामले में अब मुख्य आरोपी चोकसी ने ‘तत्काल’ श्रेणी में पासपोर्ट हासिल किया था। मुम्बई पुलिस ने कहा कि इस दर्जे के चलते मुम्बई पुलिस की ओर से ‘नो पीवीआर’ जारी हुआ। उसने कहा कि इस मामले में अब जांच का आदेश दे दिया गया है।
An enquiry has been ordered in the matter of issuance of the Police Verification Report. The Mumbai Police is also examining its internal processes involved in the criminal antecedent's verification process to improve the existing system: Mumbai Police #MehulChoksipic.twitter.com/SJF5jUhXSA
— ANI (@ANI) August 4, 2018
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
मेहुल चोकसी के फरार होने में मदद के आरोप में मोदी सरकार घिर रही है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी को मुंबई पासपोर्ट ऑफिस से पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) जारी किया गया था। प्रवक्ता ने कहा, 'इस मुद्दे पर आज कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं। मेहुल चोकसी को पीसीसी मुंबई पॉसपोर्ट ऑफिस से मिला था। जिसका इस्तेमाल उन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने में किया।' प्रवक्ता ने कहा कि पॉसपोर्ट ऑफिस पीसीसी तभी जारी करता है जब सिस्टम में पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट हो। 16 मार्च, 2017 को सिस्टम में मेहुल चोकसी के खिलाफ कुछ गड़बड़ नहीं मिला था।
क्या है पूरा मामला
एंटीगा सरकार की सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट यूनिट (सीआईयू) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को लेकर जारी अटकलों पर सफाई दी है। उन्होंने बताया है कि मई 2017 में मेहुल चोकसी का आवेदन मिला था। आवेदन में चोकसी ने सारे जरूरी कागजात जमा किए थे जिसमें एंटीगा ऐंड बारबुडा सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट ऐक्ट 2013 के सेक्शन 5(2)(b) के तहत जरूरी पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी शामिल था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर चोकसी के फरार होने में मदद का आरोप लगाया था।
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