कश्मीर के स्कूल में भजन को लेकर महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर साधा निशाना, अधिकारियों पर लगाया हिंदुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप
By मनाली रस्तोगी | Published: September 19, 2022 05:41 PM2022-09-19T17:41:24+5:302022-09-19T17:43:23+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा डाले गए वीडियो में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में हाई स्कूल के छात्रों के एक समूह को 'रघुपति राघव राजा राम' गाते हुए देखा जा सकता है, जिसे महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन माना जाता है।
श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर तीखा हमला बोलते हुए अधिकारियों पर केंद्र शासित प्रदेश में हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। मुफ्ती ने श्रीनगर से लगभग 70 किलोमीटर दूर कुलगाम जिले के एक सरकारी स्कूल का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें हाई स्कूल के छात्र महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन 'रघुपति राघव राजा राम' गाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए मुफ्ती ने लिखा, "धार्मिक विद्वानों को जेल में डालना, जामा मस्जिद को बंद करना और यहां स्कूली बच्चों को हिंदू भजन गाने के लिए निर्देशित करना कश्मीर में भारत सरकार के वास्तविक हिंदुत्व एजेंडे को उजागर करता है। इन पागल आदेशों को नकारना पीएसए और यूएपीए को आमंत्रित करता है। यह वह लागत है जो हम इस तथाकथित "बदलता जम्मू-कश्मीर" के लिए चुका रहे हैं।"
Jailing religious scholars, shutting down Jama Masjid & directing school kids here to sing Hindu hymns exposes the real hindutva agenda of GOI in Kashmir. Refusing these rabid dictates invites PSA & UAPA. It is the cost that we are paying for this so called “Badalta J&K”. pic.twitter.com/NssOcDP4t6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 19, 2022
105 सेकंड के वीडियो में सबसे पहले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सरकारी हाई स्कूल के बोर्ड को दिखाया गया है, जिसमें स्कूल की वर्दी में लगभग दो दर्जन छात्रों को शिक्षकों के एक समूह की उपस्थिति में हाथ जोड़कर भक्ति गीत गाते हुए दिखाया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुलगाम जिले के दम्हाल हांजी पोरा के तहसीलदार रौफ अहमद लोन ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो भी देखा है। लोन ने कहा कि वे भी इस मुद्दे पर गौर कर रहे हैं लेकिन यह रेखांकित किया कि विभाग को औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।