नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बयान पर टी रॉय ने पूछा सवाल, क्या भूत से डरते समय नहीं जपते राम-राम?

By स्वाति सिंह | Published: July 8, 2019 12:28 PM2019-07-08T12:28:16+5:302019-07-08T15:03:01+5:30

मेघालय के राज्यपाल की टिप्पणी सेन के जादवपुर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में दिए उस बयान पर आयी है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मां दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम’ का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने के बहाने’’ के तौर पर किया जाता है। 

Meghalaya Governor TRoy over Amartya Sen's comment 'Jai Sri Ram has no association with Bengali culture | नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बयान पर टी रॉय ने पूछा सवाल, क्या भूत से डरते समय नहीं जपते राम-राम?

'जय श्री राम' को लेकर अमर्त्य सेन के बयान पर मेघालय के राज्यपाल टी रॉय ने भी प्रतिक्रिया दी है।

Highlightsबीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने भी अमर्त्य सेन पर निशाना साधाघोष ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल देश में राजनीतिक हत्याओं के मामले में शीर्ष पर है।

'जय श्री राम' को लेकर अमर्त्य सेन के बयान पर मेघालय के राज्यपाल टी रॉय ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल पूछा 'क्या रामराजताल और सर्पमोर बंगाल में हैं या कहीं और? क्या हम राम-राम नहीं कहते जब हम भूत से डरते हैं? उन्होंने अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीता, उन्हें अपने विषय पर ध्यान देना चाहिए।'

उधर, पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने भी अमर्त्य सेन पर निशाना साधते हुए कहा था कि विदेश में रहने के कारण वह जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं। घोष ने बुद्धिजीवियों के एक वर्ग पर नारे लगाने के लिए पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर आंख मूंद लेने का भी आरोप लगाया। 

घोष ने कहा, 'वह (सेन) विदेश में रहते हैं, वह जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं। सभी के लिए अच्छा होगा कि वह विदेश में ही रहे।' 

बीजेपी नेता की टिप्पणी सेन के जादवपुर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में दिए उस बयान पर आयी है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मां दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम’ का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने के बहाने’’ के तौर पर किया जाता है। 

बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में जन्मे अर्थशास्त्री की टिप्पणी उन घटनाओं की पृष्ठभूमि में आयी है जिनमें देश के कई हिस्सों में लोगों के एक वर्ग ने दूसरों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए विवश किया और इनकार करने पर उनकी पिटाई की। 

घोष ने पत्रकारों से कहा, 'कुछ बुद्धिजीवी हैं जो कह रहे हैं कि 'जय श्री राम' भीड़ द्वारा लोगों को पीटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला राजनीतिक नारा है। लेकिन असल बात यह है कि बंगाल में हमारे दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं की हर दिन ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए हत्याएं की जा रही हैं और उन्हें पीटा जा रहा है।' उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल देश में राजनीतिक हत्याओं के मामले में शीर्ष पर है। 

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा कि राज्य में बुद्धिजीवी ऐसी घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। बहरहाल, वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री पूर्णेंदु बोस ने कहा कि भाजपा राज्य में अपना राजनीतिक एजेंडा सिद्ध करने के लिए 'जय श्री राम' के नारे का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, 'जय श्री राम' के नारे का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है । यह भाजपा द्वारा अपना उद्देश्य सिद्ध करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला राजनीतिक नारा है।'

Web Title: Meghalaya Governor TRoy over Amartya Sen's comment 'Jai Sri Ram has no association with Bengali culture

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