सत्यपाल मलिक ने पीएम नरेंद्र मोदी और किसान आन्दोलन पर दिया नया बयान, NDTV से कहा- अगर उन्होंने मुझे पहले सुना होता...

By सतीश कुमार सिंह | Published: January 3, 2022 08:21 PM2022-01-03T20:21:05+5:302022-01-03T20:41:41+5:30

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि वह खुद भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ थे। किसान आंदोलन केवल स्थगित हुआ है और अगर अन्याय हुआ तो यह दोबारा शुरू हो जाएगा।

Meghalaya Governor SatyaPalMalik attack pm narendra modi Farm Laws loss of lives could have been avoided | सत्यपाल मलिक ने पीएम नरेंद्र मोदी और किसान आन्दोलन पर दिया नया बयान, NDTV से कहा- अगर उन्होंने मुझे पहले सुना होता...

कांग्रेस ने भी ट्विटर हैंडल पर मलिक के बयान साझा किये और आरोप लगाया कि मोदी के अहंकार की वजह से इतने किसान मारे गये।

Highlightsअगर कोई कानून बनाना है तो किसानों के फायदे के लिए बनाया जाए।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि ‘क्या मलिक के बयान सच हैं’। प्रधानमंत्री ‘घमंड में’ थे और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को ‘पागल’ (मैड) कहा।

नई दिल्लीः मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के रद्द होने को किसानों की ऐतिहासिक जीत करार दिया। मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने के संबंध में ईमानदारी से काम करना होगा।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किसान आन्दोलन पर दिया नया बयान दिया है। NDTV से बातचीत में कहा कि  अगर उन्होंने मुझे पहले सुना होता तो राजनीतिक प्रतिक्रिया और जानमाल के नुकसान से बचा जा सकता था। मोदी जी ने चिंताओं को समझकर तीन कृषि कानून को रद्द कर दिया।

अन्नदाताओं (किसानों) ने अपने अधिकारों की लड़ाई जीती है और भविष्य में भी अगर किसानों के खिलाफ कोई सरकार कदम उठाती है तो वह पूरी ईमानदारी से इसका विरोध करेंगे और अगर पद छोड़ने की बात आई, तब भी वह पीछे नहीं हटेंगे।

मलिक ने कहा, ‘‘मेरे लिए किसी भी पद से पहले किसानों का हित सर्वोपरि है।’’ उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों पर आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जब सरकार किसानों से संबंधित कानून बनाती है तो पहले किसानों की राय ली जानी चाहिए और अगर कोई कानून बनाना है तो किसानों के फायदे के लिए बनाया जाए।

मोदी के बारे में मलिक के बयान के बाद कांग्रेस ने साधा निशाना

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘घमंडी’ कहे जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि ‘क्या मलिक के बयान सच हैं’। खड़गे ने ट्विटर पर मलिक का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया, जिसमें वह हरियाणा के चरखी दादरी में एक समारोह को संबोधित कर रहे हैं। वीडियो में मलिक को कहते सुना जा सकता है कि जब वह किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने गये थे तो वह (मोदी) ‘घमंड में’ थे और पांच मिनट में उनका झगड़ा हो गया।

वीडियो में मलिक यह दावा करते हुए भी सुने जा सकते हैं कि मोदी यह बात स्वीकार करने को तैयार नहीं थे कि पिछले साल केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान उनकी वजह से मारे गये। मलिक के अनुसार प्रधानमंत्री ने उनसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने को कहा। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा, ‘‘मेघालय के राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक ऑन रिकॉर्ड यह कहते सुने जा सकते हैं कि किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ‘घमंड में’ थे और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को ‘पागल’ (मैड) कहा।

संवैधानिक पदों पर बैठे लोग एक दूसरे के लिए इस तरह अवमानना के साथ बोल रहे हैं।’’ खड़गे ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी जी, क्या यह सच है?’’ मलिक को वीडियो में यह भी कहते सुना जा सकता है कि जब वह शाह से मिले तो उन्होंने कहा ‘‘लोगों ने उनकी (मोदी की) अकल खराब कर रखी है।’’ कांग्रेस ने भी ट्विटर हैंडल पर मलिक के बयान साझा किये और आरोप लगाया कि मोदी के अहंकार की वजह से इतने किसान मारे गये।

 नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को आरोप लगाया कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ‘‘जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया है।’’ इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग उनकी "अविश्वसनीयता" को "प्रमाणित" कर सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मीडिया में आयी उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें मलिक ने दावा किया है कि किसानों के आंदोलन को लेकर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहस हुयी। उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, "यह आदमी जम्मू-कश्मीर में उनकी मंशा को पूरा करने वाला आदमी था, अब उन्होंने जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया है।

जम्मू-कश्मीर के लोग श्री मलिक की अविश्वसनीयता को प्रमाणित कर सकते हैं।" मलिक 2019 में जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने से पहले वहां के अंतिम राज्यपाल थे। मलिक ने एक वीडियो क्लिप में कथित तौर पर कहा है कि जब वह किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने गए तो पांच मिनट के भीतर ही उनकी प्रधानमंत्री से बहस हो गयी।

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