रक्षा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एमबीडीए प्रीडेटर ड्रोन पर ब्रिमस्टोन मिसाइल लगाने के लिए तैयार, घातक हो जाएगी मारक क्षमता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 28, 2023 01:31 PM2023-11-28T13:31:57+5:302023-11-28T13:33:13+5:30
एमबीडीए ने भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित राफेल लड़ाकू जेट के दो स्क्वाड्रन पर हथियार पैकेज के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एमबीडीए ने पिछले 50 साल में भारतीय सशस्त्र बलों को मिलान टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों सहित विभिन्न हथियार प्रणालियां प्रदान की हैं।
नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र की अग्रणी यूरोपीय कंपनी एमबीडीए ने कहा है कि यदि उसे प्रस्ताव मिलता है, तो वह अपनी उच्च सटीकता वाली मारक मिसाइल ब्रिमस्टोन को उस ‘एमक्यू-9बी प्रीडेटर’ सशस्त्र ड्रोन में एकीकृत करने की संभावना पर विचार करने के लिए तैयार है, जिसे भारत, अमेरिका से खरीद रहा है।
एमबीडीए की ब्रिमस्टोन मिसाइलों को 'हवाई हथियार' (सीएएस) के रूप में जाना जाता है और ये भूमि एवं सतह पर उपलब्ध मंचों के अलावा मानव रहित हवाई वाहनों की एक विस्तृत श्रृंखला पर तैनाती के लिए उपयुक्त हैं। भारत विशेष रूप से चीन के साथ विवादित सीमा पर अपने सशस्त्र बलों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया में है।
एमबीडीए के अधिकारियों ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, "हम भारत द्वारा खरीदे जा रहे एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन में ब्रिमस्टोन मिसाइलों के एकीकरण संबंधी किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार हैं।"
ब्रिटेन ने भी अपनी समग्र क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) के यूएस-निर्मित एमक्यू-9बी ड्रोन के बेड़े में ब्रिमस्टोन मिसाइलों को एकीकृत करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने कहा कि हवा में अपना प्रभुत्व साबित करने वाली मिसाइल को अफगानिस्तान और लीबिया में सक्रिय रूप से तैनात किया गया है और यह मिसाइल दिन एवं रात में सर्जिकल हमले करने की क्षमता वाला पसंदीदा हथियार साबित हुई हैं।
भारतीय रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन की खरीद की लागत और हथियार पैकेज सहित विभिन्न विवरण अमेरिकी संसद से सौदे को मंजूरी मिलने के बाद तय किए जाएंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष मार्च 2024 तक सौदे पर मुहर लगाने पर विचार कर रहे हैं। ड्रोन की लागत को बातचीत प्रक्रिया में तय किया जाएगा, लेकिन अनुमान है कि खरीद की लागत लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर होगी।
एमबीडीए ने भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित राफेल लड़ाकू जेट के दो स्क्वाड्रन पर हथियार पैकेज के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एमबीडीए ने पिछले 50 साल में भारतीय सशस्त्र बलों को मिलान टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों सहित विभिन्न हथियार प्रणालियां प्रदान की हैं। उसने मैजिक 2 और सुपर 530 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति की।
(इनपुट- भाषा)