मायावती ने काटा माफिया मुख्तार अंसारी का टिकट, कहा- किसी भी माफिया या ताकतवर को पार्टी टिकट नहीं मिलेगा
By उस्मान | Published: September 10, 2021 12:01 PM2021-09-10T12:01:19+5:302021-09-10T12:06:38+5:30
बसपा के यूपी प्रमुख भीम राजभर मऊ से मुख्तार अंसारी के बजाय उम्मीदवार होंगे
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जेल में बंद पार्टी विधायक मुख्तार अंसारी को अगले साल होने वाले राज्य चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में हटा दिया है। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के यूपी प्रमुख भीम राजभर मऊ से मुख्तार अंसारी के बजाय उम्मीदवार होंगे।
मायावती ने ट्वीट किया कि बसपा की कोशिश रहेगी कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में किसी भी माफिया या ताकतवर को पार्टी का टिकट न मिले। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्तार अंसारी नहीं बल्कि भीम राजभर को मऊ विधानसभा क्षेत्र के लिए चुना गया है।
सत्तारूढ़ भाजपा और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा से बसपा को अपराधियों और ताकतवरों की पार्टी बताते आए हैं। खबरों के अनुसार बसपा अपनी छवि सुधारने के लिए मुख्तार अंसारी को पार्टी से बाहर कर सकती है।
1. बीएसपी का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
58 वर्षीय अंसारी, समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत विफल होने के बाद पिछले यूपी चुनाव से पहले 2017 में 7 साल बाद बसपा में फिर से शामिल हो गए थे। मायावती ने उस वक्त कहा था कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की सरकार ने उन्हें फंसाया है।
मायावती ने कहा, 'मेरी सरकार अपराधियों के खिलाफ हमेशा से सख्त रही है। लेकिन मैं यह भी सुनिश्चित करती हूं कि किसी को झूठे मामलों में फंसाया नहीं जाए। मुख्तार अंसारी का परिवार ऐसा ही एक उदाहरण है। उसके परिवार को झूठे मामलों में फंसाया गया है।'
2. जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
मायावती ने मऊ में मुख्तार अंसारी के लिए प्रचार भी किया था। बसपा प्रमुख ने तब कहा था कि उनकी जीत से उनकी "बाहुबली (मजबूत)" छवि मिट जाएगी।
3. बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
मुख्तार पर हत्या और अपहरण सहित 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। पंद्रह मामलों की सुनवाई चल रही है। वह 2005 से विभिन्न आरोपों में पूरे यूपी की जेलों में बंद है।
उनकी पहली चुनावी जीत 1996 के चुनावों में मऊ से बसपा उम्मीदवार के रूप में थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने कई चुनाव जीते हैं, यहां तक कि जेल से भी।
साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए तो अंसारी और उनके नेटवर्क पर फोकस तेज हो गया। उसके लगभग 100 साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कुछ पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे भी गए।