मार्च 2020 तक केंद्र सरकार में 8.72 लाख पद खाली, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 29, 2021 04:24 PM2021-07-29T16:24:38+5:302021-07-29T16:25:38+5:30
केंद्र सरकार के सभी विभागों में स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 (1 मार्च, 2020 तक) थी जिनमें से 31,32,698 कर्मचारी कार्यरत थे।
नई दिल्लीः कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक मार्च 2020 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 8.72 लाख पद खाली थे।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि केंद्र सरकार के सभी विभागों में स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 (1 मार्च, 2020 तक) थी जिनमें से 31,32,698 कर्मचारी कार्यरत थे। उन्होंने कहा कि एक मार्च, 2020 तक रिक्त पदों की कुल संख्या 8,72,243 थी।
सिंह ने तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा पिछले पांच वर्षों में की गई भर्तियों का ब्योरा देते हुए कहा कि 2016-17 से 2020-21 के बीच संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 25,267 उम्मीदवारों की भर्ती की वहीं कर्मचारी चयन आयोग ने 2,14,601 उम्मीदवारों की और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने 2,04,945 उम्मीदवारों की भर्ती की।
अंग्रेजी में कमजोर छात्रों के लिए अपनी भाषाओं में शिक्षा के प्रयास :सरकार
सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से तकनीकी संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान मुहैया कराने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने के प्रयास किए हैं , जिसका मकसद उन प्रतिभाशाली छात्रों की मदद करना है जिन्होंने स्थानीय भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त की है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे अंग्रेजी की अच्छी समझ नहीं रखने वाले छात्रों को व्याावसायिक पाठ्यक्रमों को पूरा करने में होने वाली समस्याओं के बारे में सवाल किया गया था। प्रधान ने कहा , ‘‘ भारत सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से तकनीकी संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने के प्रयास किए हैं , जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा में सुगम प्रवेश के लिए उन प्रतिभाशाली छात्रों का पोषण करना है , जिन्होंने स्थानीय भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त की है। ’’
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति , 2020 के भी अनुरूप है , जिसके अनुसार शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा व स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘ एनईईटी ’ परीक्षा अब 11 भाषाओं के बदले 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
इसके साथ ही ‘ जेईई (मेन)’ का आयोजन तीन भाषाओं के स्थान पर 13 भाषाओं में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से कुछ ‘ एआईसीटीई ’ अनुमोदित तकनीकी संस्थानों में प्रायोगिक आधार पर क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान की जाएगी।
उड़ान योजना के तहत 359 मार्गों पर हवाई सेवा का परिचालन शुरू हुआ : सरकार
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को बताया कि हवाई सम्पर्क को बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय सम्पर्क योजना-‘उड़ान’ के तहत अब तक 359 मार्गों पर हवाई सेवा का परिचालन शुरू हो गया है और 59 नये हवाई अड्डे स्थापित किये गए हैं। लोकसभा में सुनील बाबूराव मेंढ़े के पूरक प्रश्न के उत्तर में सिंधिया ने कहा कि मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क को बढ़ावा देने एवं हवाई यात्रा को किफायती बनाने के लिये 21 अक्तूबर 2016 को क्षेत्रीय सम्पर्क योजना-उड़ान शुरू की थी।
क्षेत्रीय सम्पर्क योजना का प्राथमिक उद्देश्य असेवित एवं अल्पसेवित हवाई अड्डों को जोड़कर क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क को सुगम बनाना एवं बढ़ावा देना है। सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सोच के आधार पर इस योजना को शुरू किया गया कि ‘‘हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई जहाज में सफर कर सकें’’।
उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत 780 हवाई मार्गों को मंजूरी दी गई और 359 मार्गो पर परिचालन शुरू हो गया है। नागर विमानन मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 59 नये हवाई अड्डे स्थापित किये गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के काल में हवाई कार्गो की हिस्सेदारी को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 19 प्रतिशत किया गया है।