औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 12 मई महाराष्ट्र में सभी मराठा संगठनों के प्रधान संगठन मराठा क्रांति मोर्चा (एमकेएम) ने समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन किया।
उच्चतम न्यायालय ने नौकरियों और शिक्षा में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाले 2018 के कानून को रद्द कर दिया।
हाथों में काला झंडा थामे एमकेएम के सदस्यों ने शहर के सिडको इलाके में प्रदर्शन किया और महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के साथ विपक्षी दल भाजपा की भी आलोचना की। एमकेएम के समन्वयक विनोद पाटिल ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
पाटिल ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद हमें उम्मीद थी कि राज्य सरकार मराठा समुदाय के लिए कुछ वैकल्पिक रास्तों की घोषणा करेगी। लेकिन, सत्तारूढ़ गठबंधन के दलों और विपक्षी दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।’’
बहरहाल, यहां संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेता हरिभाऊ बागडे ने आरक्षण मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए राज्य विधानमंडल का दो दिवसीय सत्र आहूत करने की मांग की।
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