पत्रकारों पर हो रहे पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सहित कई संगठनों ने उठाई आवाज

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 8, 2022 07:29 PM2022-04-08T19:29:42+5:302022-04-08T19:29:42+5:30

एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बीते दिनों मध्य प्रदेश के सीधी में पुलिस द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न और उन्हें निवस्त्र किये जाने संबंध में बयान जारी करते हुए मानवाधिकार आयोग से इस घटना के संबंध में स्वतः संज्ञान लेने की अपील की गई है।

Many organizations including Editors Guild and Press Club of India raised their voice against police harassment on journalists | पत्रकारों पर हो रहे पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सहित कई संगठनों ने उठाई आवाज

पत्रकारों पर हो रहे पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सहित कई संगठनों ने उठाई आवाज

Highlightsएडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पत्रकारों के उत्पीड़न की कठोर निंदा की हैओडिशा के बालासोर में अस्पताल में भर्ती पत्रकार को बेड़ियों में कैद किये जाने की निंदा की गई है एमपी के सीधी में पुलिसकर्मियों द्वारा पत्रकारों को निर्वस्त्र करने की घटना को शर्मनाक बताया गया है

दिल्ली: देश में कई अलग-अलग जगहों पर हो रहे पत्रकारों के पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ कई प्रेस संगठनों ने आवाज उठाई है। विभिन्न पत्रकार संगठनों ने इस विषय में चिंता जाहिर करते हुए बयान जारी किया है। जिसमें पुलिस द्वारा पत्रकारों को उनके कार्यों में बाधा डालने और उन्हें परेशान करने की तीव्र निंदा की गई है।

एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बीते दिनों मध्य प्रदेश के सीधी में पुलिस द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न और उन्हें निवस्त्र किये जाने संबंध में बयान जारी करते हुए मानवाधिकार आयोग से इस घटना के संबंध में स्वतः संज्ञान लेने की अपील की गई है।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपने बयान में सीधी प्रकरण के अलावा एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व भारत प्रमुख आकार पटेल को सीबीआई द्वारा हवाई यात्रा से रोके जाने को शामिल किया गया है।

वहीं एडिटर्स गिल्ड ने के बयान में ओडिशा के बालासोर में पुलिस द्वारा पिटाई के बाद नीलगिरी जिसे के एक अस्पताल में भर्ती स्थानिय पत्रकार लोकनाथ दलई को बेड़ियों में जकड़े जाने की घटना की कड़ी आलोचना की गई है।

इसके अलावा गिल्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एडिटर्स गिल्ड मध्य प्रदेश के सीधी में पुलिसकर्मियों द्वारा थाने में जिस तरह से पत्रकारों को निर्वस्त्र किया गया है, उसके जानकर हैरान है।

गिल्ड के बयान में कहा गया है कि लोकल यूट्यूब समाचार चैनल चलाने वाले कनिष्क तिवारी को क्षेत्रिय भाजपा विधायक और उनके पुत्र के खिलाफ खबर चलाये जाने को लेकर पुलिस ने जिस तरह से प्रताड़ित किया है वो वाकई में पत्रकारिता को शर्मसार करने वाला है।

इस पूरे मामले में सबसे आश्यचर्यजनकर पहलू यह है कि जिस तरह से पत्रकारों को कथिततौर पर थाने के हवालात में नग्न किया गया और उनकी फोटो खिंचकर मीडिया में प्रसारित किया गया, इससे पत्रकारिता के मानदंडो को काफी धक्का पहुंचा है।

इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक्शन लिया गया और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का फैसला हुआ है, वो सराहनीय है। लेकिन बीते कुछ समय से ऐसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी गई है, जिसमें जिला प्रशासन और पुलिसक्रमियों द्वारा पत्रकारों का बिना किसी उचित कारण के शोषण किया जाता रहा है।

गिल्ड ने अपने बयान में ओडिशा के नीलगिरी में हुई 7 अप्रैल की घटना का भी जिक्र किया गया है, जिसमें क्षेत्रिय पत्रकार लोकनाथ दलई को पहले तो पुलिस वालों ने बर्बरतापूर्वक पीटा फिर उसके बाद उन्हें इलाज के लिए बालसोर के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां अस्पताल के बेड से उनके पैरों को बांध दिया गया था। 

एडिटर्स गिल्ड ने इन सभी घटनाओं के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि वो इन घटनाओं में तत्काल हस्तक्षेप करें और देश भर की सभी सुरक्षा एजेंसियों को दिशा-निर्देश जारी करें कि वो पत्रकारों को निर्बाध और निष्पक्ष तरीके से खबरों को इकट्ठा करने में व्यवधान न उत्पन्न करें और न ही उनका शोषण करें।

इसी तरह प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी पत्रकारों के हो रहे उत्पीड़न के संबंध में एक बयान जारी किया है। क्लब ने अपने बयान में कहा है कि पत्रकार संगठन मध्य प्रदेश के सीधी में हुई पुलिसिया दमन की तीव्र निंदा करता है।

बयान में कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि पत्रकारों के खिलाफ राज्य सत्ता अराजकता की सीमा से परे जाकर काम कर रही हैं और संविधान प्रदत्त प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोटने का काम कर रही हैं। पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश शासन द्वारा इस बात को प्रचारित किया जा रहा है कि गिरफ्तार किये गये लोग पत्रकार नहीं थे। लेकिन इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की वो पत्रकार थे या नहीं। इस तरह से अमानवीय हरकत के लिए के लिए अक्षम्य है और इसकी कड़ी आलोचना होनी चाहिए। 

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया इस मामले में मांग करता है कि मध्य प्रदेश के सीधी में गिरफ्तार पत्रकारों को फौरन रिहा किया जाए और गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने जो मानसिक पीड़ा झेली है उसके लिए मध्य प्रदेश सरकार उन्हें मुआवजा भी दे।

इसके अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया केंद्रीय जांज एजेंसी द्वारा एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व भारत प्रमुख आकार पटेल को एयरपोर्ट पर रोके जाने की निंदा करता है और इस मामले में सख्त एक्शन की मांग करता है। 

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया इन सभी घटनाओं के मद्देजनर मानवाधिकार आयोग से अपील करता है कि इन सभी घटनाओं में स्वतः संज्ञान लेते हुए संबंधित पक्षों के खिलाफ नोटिस जारी करे और उचित फैसला लेते हुए न्याय करे। 

Web Title: Many organizations including Editors Guild and Press Club of India raised their voice against police harassment on journalists

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