उच्च न्यायालय में 15 मार्च से प्रत्यक्ष तरीके से सुनवाई का कई वकीलों ने विरोध किया

By भाषा | Updated: February 26, 2021 21:10 IST2021-02-26T21:10:40+5:302021-02-26T21:10:40+5:30

Many lawyers opposed the direct hearing in the High Court from 15 March | उच्च न्यायालय में 15 मार्च से प्रत्यक्ष तरीके से सुनवाई का कई वकीलों ने विरोध किया

उच्च न्यायालय में 15 मार्च से प्रत्यक्ष तरीके से सुनवाई का कई वकीलों ने विरोध किया

नयी दिल्ली, 26 फरवरी अपवाद के तौर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कुछ मामलों की सुनवाई को छोड़कर प्रत्यक्ष तरीके से सुनवाई की व्यवस्था को पूरी तरह बहाल करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का कई वकीलों ने शुक्रवार को विरोध किया।

उन्होंने अनुरोध किया कि इसके बजाए मिले-जुले तरीके से सुनवाई होनी चाहिए, जिसमें दोनों विकल्प हो।

दोनों तरीके से सुनवाई की व्यवस्था पर जोर देते हुए वकीलों ने अदालत के सामने विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि, वायरस के नए स्वरूप के उभरने, उम्रदराज वकीलों और पहले से किसी रोग से उनके ग्रसित होने जैसे कई कारण गिनाए। वाहन के कम इस्तेमाल से पर्यावरण को होने वाले फायदों के बारे में भी बताया गया।

दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के सामने ये दलीलें दी गयीं। एक याचिका वकालत करने वाले उन वकीलों की ओर से दाखिल की गयी है, जिनकी उम्र ज्यादा है और पहले से कई रोगों से ग्रस्त हैं तथा कोविड-19 महामारी के दौरान प्रत्यक्ष सुनवाई में हिस्सा लेने से डर रहे हैं। एक याचिका एक युवा वकील ने दाखिल की है, जिसमें सभी वकीलों के टीकाकरण होने तक अदालतों में पूरी तरह प्रत्यक्ष सुनवाई को टालने का अनुरोध किया गया है।

अदालत के सामने कुछ अन्य कारण भी बताए गए कि टीकाकरण की पहली खुराक के छह से आठ सप्ताह के बाद एंटीबॉडी बनती है और अदालतों में उचित दूरी बनाकर रखना संभव नहीं है।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि कानूनी बिरादरी में प्रत्यक्ष सुनवाई और मिले-जुले तरीके से सुनवाई को लेकर भिन्न राय हैं और कहा कि दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।

न्यायाधीश ने दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) से एक मार्च को बैठक करने को कहा और इसके बाद उच्च न्यायालय में किस तरह की सुनवाई की वे व्यवस्था चाहते हैं, इसके लिए दो मार्च को सभी पक्षों को सुना जाएगा।

इन निर्देशों के साथ उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों को चार मार्च के लिए सूचीबद्ध किया है।

उच्च न्यायालय ने 20 फरवरी को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि 15 मार्च से उसके सभी न्यायाधीश प्रत्यक्ष तरीके से सुनवाई करेंगे और वकीलों के आग्रह पर अपवाद वाले मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई होगी।

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Web Title: Many lawyers opposed the direct hearing in the High Court from 15 March

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