कई किसान संगठनों ने अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू को लाल किला घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया

By भाषा | Updated: January 27, 2021 20:12 IST2021-01-27T20:12:19+5:302021-01-27T20:12:19+5:30

Many farmer organizations blame actor-turned-activist Deep Sidhu for the Red Fort incident | कई किसान संगठनों ने अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू को लाल किला घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया

कई किसान संगठनों ने अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू को लाल किला घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया

चंडीगढ़, 27 जनवरी अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को लाल किले पर एक धार्मिक झंडा लगाने वाले प्रदर्शनकारियों में शामिल रहने को लेकर किसान संगठनों की आलोचना का केंद्र बन गये हैं।

कई किसान संगठनों ने उन पर, मंगलवार को हुई किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान प्रदर्शकारियों को लाल किला की ओर बढ़ने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि सिद्धू (36) ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कथित तौर पर ‘‘बदनाम’’ करने की कोशिश की।

केंद्र के इन तीन नये कानूनों के खिलाफ पिछले साल किसानों के आंदोलन में शामिल होने के बाद से सिद्धू को कई किसान संगठन सरकार का ‘‘एजेंट’’(पिट्ठू) मानते रहे हैं।

हालांकि, सिद्धू ने लाल किले में प्रदर्शनकारियों के कृत्यों का बचाव करने की कोशिश करते हुए कहा है कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया था और विरोध के प्रतीक के तौर पर ‘निशान साहिब’ का झंडा लगा दिया था।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बुधवार को आरोप लगाया, ‘‘दीप सिद्धू सरकार के एजेंट हैं और उन्होंने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकार के इशारे पर ऐसा किया। ’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘वह युवकों को गुमराह कर उन्हें लाल किला की ओर ले गये। हमने दीप सिद्धू जैसे लोगों को अपने मंच पर कभी आने नहीं दिया। हम जानते थे कि वह हमारे आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं। हमने उन पर कभी विश्वास नहीं किया।’’

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी दीप सिद्धू के कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि लाल किला जाने के लिए किसानों की कोई योजना नहीं थी।

चढूनी ने एक वीडियो संदेश में लाल किला जाने की किसानों की कोई योजना नहीं होने की बात पर जोर देते हुए कहा, ‘‘दीप सिद्धू ने जो कुछ किया है, हम उसकी यथासंभव कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और हमें लगता है कि वह सरकार के एक एजेंट हैं। वह हमेशा ही किसान नेताओं के खिलाफ बोलते रहे हैं लोगों को उनके खिलाफ भड़काते रहे हैं। ’’

पंजाब के मुक्तसर जिला निवासी सिद्धू ने खुद को किसान आंदोलन से जोड़ने से पहले कुछ पंजाबी फिल्मों में काम किया था। उन्होंने कानून की भी पढ़ाई की है।

मॉडल से अभिनेता बने सिद्धू ने पंजाबी रोमांटिक फिल्म ‘रमता जोगी’ (2015) से अपने अभिनय के करियर की शुरूआत की थी, जिसका निर्देशन गुड्डु धनोआ ने किया था।

वह उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब पिछले साल हरियाणा के पास शंभू में प्रदर्शनकारी किसानों के धरना में शामिल हुए थे।

सिद्धू भाजपा सांसद सन्नी देओल के करीबी सहयोगी भी रह चुके हैं, जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव पंजाब की गुरदासपुर सीट से लड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान वह देओल के साथ रहे थे।

हालांकि, देओल ने सिद्धू के पिछले साल किसान आंदोलन से जुड़ने के बाद उनसे दूरी बना ली।

गौरतलब है कि निशान साहिब झंडा, सिख धर्म का प्रतीक है और इसे सभी गुरुद्वारा परिसरों में देखा जाता है।

सिद्धू ने मंगलवार की शाम फेसबुक पर एक वीडियो संदेश में दावा किया था कि यह योजना के अनुरूप उठाया गया कदम नहीं था और इसे कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए तथा इसे कट्टरपंथी नहीं बताया जाना चाहिए।

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी मंगलवार को हुई हिंसा की घटना से खुद को अलग कर लिया है और आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्व घुसपैठ कर गये थे, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था।

मोर्चा, केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 41 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहा है।

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Web Title: Many farmer organizations blame actor-turned-activist Deep Sidhu for the Red Fort incident

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