पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने की रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के रुख की सराहना, कहा- 'सही बात है, लेकिन...'

By मनाली रस्तोगी | Published: September 8, 2023 12:31 PM2023-09-08T12:31:05+5:302023-09-08T12:31:05+5:30

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मेगा इवेंट में शामिल न होने से लेकर रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत के रुख तक, पूर्व पीएम ने G20 शिखर सम्मेलन से पहले कई मुद्दों पर बात की।

Manmohan Singh praises India's stand in Russia-Ukraine war | पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने की रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के रुख की सराहना, कहा- 'सही बात है, लेकिन...'

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कड़ी कूटनीतिक स्थिति को संभालते हुए भारत के संप्रभु और आर्थिक हित को पहले रखने के केंद्र सरकार के कदम की सराहना की है और कहा है कि उसने सही काम किया है।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सिंह ने कहा कि जब दो या दो से अधिक शक्तियां संघर्ष में फंस जाती हैं तो अन्य देशों पर पक्ष चुनने का भारी दबाव आ जाता है। मनमोहन सिंह ऐसे समय में भारत के जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता देखकर खुश हैं, जब विदेश नीति आज पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए हमारे संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले रखकर सही काम किया है।" सिंह ने ये भी कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन को सुरक्षा संबंधी विवादों को निपटाने के मंच के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और सदस्य देशों और संस्थानों को जलवायु चुनौतियों, असमानता और वैश्विक व्यापार में विश्वास से निपटने के लिए नीति समन्वय पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

पूर्व पीएम ने जहां यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संकट में भारत के रुख की सराहना की, वहीं उन्होंने पार्टी या व्यक्तिगत राजनीति के लिए विदेश नीति और कूटनीति के इस्तेमाल के खिलाफ भी सुझाव दिया। जहां दुनिया में भारत की स्थिति घरेलू राजनीति में एक मुद्दा होना चाहिए, वहीं पार्टी या व्यक्तिगत राजनीति के लिए कूटनीति और विदेश नीति का उपयोग करने में संयम बरतना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होने के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।" उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा करने और द्विपक्षीय तनाव कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।

मनमोहन सिंह ने कहा कि वह भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने के बजाय भविष्य की चुनौतियों को लेकर अधिक आशावादी हैं क्योंकि यह देश आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। 

उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर मैं भारत के भविष्य को लेकर चिंतित होने से ज्यादा आशावादी हूं। हालाँकि, मेरी आशावादिता इस बात पर निर्भर है कि भारत एक सामंजस्यपूर्ण समाज बने, जो सभी प्रगति और विकास का आधार है। भारत की सहज प्रवृत्ति विविधता का स्वागत करना और उसका जश्न मनाना है जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए।"

प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहले चंद्रमा मिशन को याद करते हुए, सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के तीसरे मिशन में चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की सराहना की। 

उन्होंने कहा, "मैं वास्तव में रोमांचित हूं कि चंद्रयान मिशन, जिसे 2008 में लॉन्च किया गया था, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला मिशन बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। इसरो में सभी महिलाओं और पुरुषों को मेरी हार्दिक बधाई।"

Web Title: Manmohan Singh praises India's stand in Russia-Ukraine war

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