मणिपुर में हिंसा का सिलसिला जारी, केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में भीड़ ने लगाई आग
By विनीत कुमार | Published: June 16, 2023 07:36 AM2023-06-16T07:36:23+5:302023-06-16T08:43:21+5:30
मणिपुर में गुरुवार देर रात भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमला कर दिया। पेट्रोल बम फेंका गया और घर में आग लगाई गई। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह घटना के समय घर पर नहीं थे।
इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना में कल रात केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने हमला कर दिया और आग लगा दी। मणिपुर सरकार ने घटना की पुष्टि की है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह घटना के समय घर पर नहीं थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इस घटना पर आरके रंजन सिंह ने कहा, 'मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि मेरे इंफाल स्थित घर पर कल रात कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए और मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया गया है।'
इससे पहले पिछले महीने भी केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह के कोन्ग्बा नन्देईबाम लेइकाई गांव स्थित घर पर हमले की कोशिश की गई थी। हालांकि पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को ST का दर्जा दिए जाने के खिलाफ मई के पहले हफ्ते से हिंसा की शुरुआत हुई थी।
दो दिन पहले ही बुधवार को इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में बुधवार रात अज्ञात लोगों ने मणिपुर की महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास में आग लगा दी थी। वहीं, मणिपुर के खमेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध बदमाशों के हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और 10 घायल हो गए। कुकी समुदाय की नेता किपजेन के आवास में जब आग लगाई गई, तब उसमें कोई नहीं था। दमकलकर्मियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया।
इससे पहले, मंगलवार देर रात करीब एक बजे हथियारबंद बदमाशों ने इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खमेनलोक क्षेत्र के कुकी गांव को घेरकर हमला शुरू कर दिया। इसके बाद हुई गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत हो गए। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल पूर्वी जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं के पास स्थित है।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
(भाषा इनपुट)