मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को जस्टिस गीता मित्तल पैनल को कामकाज की सुविधा मुहैया कराने का आदेश पारित करेगा

By भाषा | Published: August 21, 2023 02:38 PM2023-08-21T14:38:46+5:302023-08-21T14:41:54+5:30

मणिपुर में हिंसा के पीड़ितों की राहत और पुनर्वास की देखरेख के लिए पूर्व न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाले एक पैनल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को तीन रिपोर्ट सौंपी।

Manipur violence: SC to pass order on August 25 to facilitate functioning of Justice Gita Mittal panel | मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को जस्टिस गीता मित्तल पैनल को कामकाज की सुविधा मुहैया कराने का आदेश पारित करेगा

फाइल फोटो

Highlightsपूर्व न्यायाधीश गीता मित्तल के पैनल ने मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में तीन रिपोर्ट सौंपी पैनल ने सुप्रीम कोर्ट से संघर्षग्रस्त लोगों के लिए मुआवजा योजना को उन्नत करने की अपील की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पैनल के कामकाज के संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी करेगा

नई दिल्ली:मणिपुर में हिंसा के पीड़ितों की राहत और पुनर्वास की देखरेख के लिए पूर्व न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाले एक पैनल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को तीन रिपोर्ट सौंपी, जिसमें संघर्षग्रस्त लोगों के लिए मुआवजा योजना को उन्नत करने की आवश्यकता भी शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तीन सदस्यीय पैनल के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए शुक्रवार को आदेश पारित करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि तीन रिपोर्टों की एक प्रति सभी संबंधित वकीलों को दी जाए और पीड़ितों में से एक की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर को पैनल के लिए सुझाव एकत्र करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति मित्तल की अगुवाई वाली समिति ने दस्तावेजों के नुकसान और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण नीति की तर्ज पर मणिपुर मुआवजा योजना को उन्नत करने की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर तीन रिपोर्ट दायर की हैं।0

इसके साथ पीठ ने यह भी कहा, "न्यायमूर्ति मित्तल के नेतृत्व वाली समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चलता है कि आवश्यक दस्तावेजों को फिर से जारी करने की आवश्यकता है और मणिपुर पीड़ित मुआवजा योजना को अपग्रेड करने और एक नोडल प्रशासन विशेषज्ञ नियुक्त करने की आवश्यकता है।"

शीर्ष अदालत ने बीते 7 अगस्त को पीड़ितों की राहत-पुनर्वास और उन्हें मुआवजे की निगरानी के लिए उच्च न्यायालय की तीन पूर्व महिला न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने का आदेश दिया था। उनके अलावा महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस प्रमुख दत्तात्रय पडसलगीकर को अलग से आपराधिक मामलों की जांच की निगरानी करने के लिए कहा था।

पीठ ने कहा कि मणिपुर में पीड़ितों की राहत-पुनर्वास और उन्हें मुआवजे की निगरानी के लिए बनाई समिति की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मित्तल करेंगी और इसमें उनके साथ बंबई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति शालिनी पी जोशी और दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश आशा मेनन भी शामिल होंगी।

मालूम हो कि बीते 3 मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं। यह हिंसा उस वक्त भड़की, जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया था।

Web Title: Manipur violence: SC to pass order on August 25 to facilitate functioning of Justice Gita Mittal panel

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