मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद केंद्र कर सकती है ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई
By विनीत कुमार | Updated: July 20, 2023 09:43 IST2023-07-20T09:43:47+5:302023-07-20T09:43:47+5:30
मणिपुर में दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद अब केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में आदेश जारी किए जा चुके हैं।

मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद केंद्र कर सकती है ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई
नई दिल्ली: मणिपुर में दो महिलाओं को पुरुषों के एक समूह द्वारा नग्न घुमाए जाने के भयावह वीडियो पर केंद्र सरकार द्वारा ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने की संभावना है। यह वीडियो बुधवार को वायरल हुआ, जिसके बाद से मणिपुर में एक बार फिर तनाव की आशंका जताई जा रही है। साथ ही पूरे देश से इसे लकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
एनडीटीवी के अनुसार सूत्रों ने कहा कि सरकार उन वीडियो के प्रसार को लेकर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो "कानून और व्यवस्था में समस्याएं पैदा कर सकते हैं", और जिनकी कानून के तहत अनुमति नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि कानून का पालन नहीं करने के लिए एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आदेश कल रात जारी किया गया था। साथ ही सूत्रों ने बताया कि आईटी मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्लेटफार्मों पर काम कर रहा है कि वीडियो को आगे प्रसारित नहीं किया जाए।
बता दें कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के आज प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं और उनसे मन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आईटीएलएफ के एक बयान के अनुसार, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई थी। हालाँकि, पुलिस ने कहा कि घटना दूसरे जिले में हुई, हालाँकि पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) कांगपोकपी में दर्ज की गई थी।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।