लाइव न्यूज़ :

सिंघू बॉर्डर पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या, हाथ काटा

By भाषा | Updated: October 15, 2021 22:26 IST

Open in App

सिंघु बार्डर/चंडीगढ़, 15 अक्टूबर दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया । उसके शरीर पर धारदार हथियार से हमले के करीब 10 जख्म बने थे और उसके शव को अवरोधक से बांधा गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

इस नृशंस हत्या के घंटों बाद सिखों की निहंग परंपरा के तहत नीले लिबास में एक व्यक्ति मीडिया के समक्ष आया और दावा किया कि उसने पीड़ित को पवित्र ग्रंथ की ‘बेअदबी’ करने की ‘सजा’ दी है।

अन्य निहंगों ने दावा किया कि उसने पुलिस के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है, जिसकी पुष्टि देर शाम तक नहीं हो सकी। हालांकि, पुलिस कुछ संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक ने सिखों की पवित्र पुस्तक की बेअदबी की है।

वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है। व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था।

उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी’ है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गृहमंत्री अनिल विज और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए।

पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरन तारन जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास थी।

उसका शव केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक से बांधा गया था।

किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है।

सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कुंडली पुलिस थाने को सुबह पांच बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है।’’

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में बताया कि सोनीपत पुलिस जब तक घटनास्थल पर पहुंचती, तबतक व्यक्ति की मौत हो गई थी। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘कुछ लोग वहां पर खड़े थे। जब पुलिस ने शव वहां से निकालने की कोशिश की, तो उन्होंने प्रदर्शन किया। हालांकि, थोड़ी कोशिश के बाद शव को सिविल अस्पताल लाया गया।’’

जानकारी के मुताबिक सिंह के शरीर पर केवल पतलून थी। उसके हाथ को कलाई के पास से काटा गया था और पैरों में गहरे जख्म थे। उसके शरीर पर धारदार हथियार के वार से बने करीब 10 निशान थे।

आरोप है कि उसपर हमला करने वालों ने रस्सी से उसे अवरोधक से बांधने से पहले कई मीटर तक घसीटा था। मौत के समय वह खून से लथपथ था।

पुलिस महानिरीक्षक, रोहतक रेंज, संदीप खिरवार ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने एक मामला दर्ज किया है और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।’’ बाद में कुंडली पहुंचे खिरवार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस को मामले में जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कुछ संदिग्धों के नाम है और जांच चल रही है। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही इस मामले को मुकाम तक पहुंचा देंगे क्योंकि हमारे पास कुछ सुराग हैं।’’

वहीं, तरन-तारन में लखबीर सिंह के गांव में घटना से स्तब्ध परिवार ने कहा कि वह कभी पवित्र किताब की बेअदबी नहीं कर सकता है। कुछ ग्रामीणों ने पत्रकारों से कहा कि सिंह के माता-पिता का कुछ साल पहले देहांत हो गया था और उसकी पत्नी और तीन बच्चे रिश्तेदारों के साथ रहते हैं। सिंह अपनी बहन के साथ रह रहा था।

सोनीपत पुलिस ने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में प्रदर्शन स्थल के पास लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की है। शुरुआत में कुछ लोगों ने इलाके में पुलिस के प्रवेश का विरोध किया और पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया।

निहंग सिख परंपरा के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलवार लिए होते हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल पटियाला जिले में एक गांव के बाजार में कर्फ्यू पास मांगने पर निहंगों के एक समूह ने तलवार से एक पुलिस कर्मी का हाथ काट दिया था और छह अन्य को घायल कर दिया था। बाद में पुलिस के हाथ को चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर में जोड़ा गया।

पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है। सोनीपत के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के बोर्ड ने मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम किया।

पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है। सोनीपत के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के बोर्ड ने मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम किया।

इस घटना के कम से कम पांच वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आए हैं।

एसकेएम ने एक बयान जारी कहा कि वह स्पष्ट करना चाहता है कि घटना में शामिल दोनों पक्षों, निहंगों के समूह और मृतक का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। एसकेएम ने कहा कि किसानों का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शन किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है।

एसकेएम ने कहा कि वह किसी भी धर्म के ग्रंथ या प्रतीक के अपमान के खिलाफ है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।

किसान निकाय ने कहा, ‘‘मौके पर मौजूद निहंग समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है और कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि मृतक ने सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।’’

एसकेएम ने मांग की कि हत्या और बेअदबी के पीछे की साजिश की जांच के बाद दोषियों को कानून के तहत सजा दी जानी चाहिए। संगठन ने कहा, ‘‘हमेशा की तरह संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।’’

वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था।

वीडियो संदेश में योगेंद्र यादव ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि एसकेएम के कई नेताओं ने निहंगों को प्रदर्शन स्थल छोड़कर जाने को कहा था लेकिन वे नहीं गए।

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के तीन बिंदुओ- टीकरी, सिंघू और गाजीपुर- पर गत 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतYear Ender 2025: पहलगाम अटैक से लेकर एयर इंडिया क्रैश तक..., इस साल इन 5 घटनाओं ने खींचा लोगों का ध्यान

ज़रा हटकेYear Ender 2025: मोनालिसा से लेकर Waah Shampy Waah तक..., इस साल इन वायरल ट्रेड ने इंटरनेट पर मचाया तहलका

भारतYear Ender 2025: उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरे भारत में भगदड़ में गई कई जानें, सबसे दुखद हादसों से भरा ये साल; जानें

बॉलीवुड चुस्कीYear-Ender 2025: फिल्मी जगत की इन हस्तियों ने दुनिया को कहा अलविदा, इस साल इंडस्ट्री ने खोए कई अनमोल रत्न; पढ़ें पूरी लिस्ट

पूजा पाठPanchang 16 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

भारत अधिक खबरें

भारतIndo-Pak War 1971: शौर्य और पराक्रम से पाक को चटाई थी धूल

भारतबिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अपने पांच बच्चों के साथ फांसी के फंदे से झूल गया अमरनाथ राम, तीन की मौत, दो की बच गई जान

भारतMaharashtra Local Body Elections 2026 Dates Announced: 29 निकाय, 2,869 सीट, 3.48 करोड़ मतदाता, 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना

भारत‘ये घटियापन माफी के लायक नहीं’: कांग्रेस ने महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने के लिए नीतीश कुमार की आलोचना की, वीडियो जारी कर मांगा इस्तीफा, WATCH

भारतनिकाय चुनावों में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- अजित पवार से दोस्ताना मुकाबला