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कोरोना का जख्मः मां की मौत पर भी नहीं पहुंच पाया बेटा, खबर मिली तो पैदल ही निकला रायपुर से वाराणसी

By गुणातीत ओझा | Updated: March 28, 2020 08:52 IST

लॉकडाउन के बाद मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं, पहुंचेंगे या नहीं इसकी फ्रिक्र किए बिना ही वे पैदल 500-600-1000 किमी. के रास्ते पर पैदल चल रहे हैं। इस क्रम में एक बुरी खबर रायपुर से आई है। वहां रहकर नौकरी करने वाले युवक को जब पता चला कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है तो वह लाख कोशिशों के बाद भी मां के जनाजे में नहीं पहुंच पाया। रायपुर में रहकर नौकरी करने वाले मुरकीम को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वह पैदल ही अपने दो दोस्तों के साथ रायपुर से वाराणसी के लंबे सफर के लिए निकल पड़ा है।

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ठळक मुद्देमां के मौत की खबर मिलते ही बेटा रायपुर से पैदल निकला वाराणसी के लिएकोरोना के खौफ के चलते परिजनों ने अपनों के शवों से बनाई दूरी, नहीं किया अंतिम संस्कार

रायपुरःकोरोना वायरस ने कुछ लोगों को ऐसे जख्म दिए हैं जिसे भुला पाना नामुमकिन है। वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। जिसके चलते कोई कहीं भी आ-जा नहीं पा रहा है। मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं, पहुंचेंगे या नहीं इसकी फ्रिक्र किए बिना ही वे पैदल 500-600-1000 किमी. के रास्ते पर पैदल चल रहे हैं।

इस क्रम में एक बुरी खबर रायपुर से आई है। वहां रहकर नौकरी करने वाले युवक को जब पता चला कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है तो वह लाख कोशिशों के बाद भी मां के जनाजे में नहीं पहुंच पाया। रायपुर में रहकर नौकरी करने वाले मुरकीम को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वह पैदल ही अपने दो दोस्तों के साथ रायपुर से वाराणसी के लंबे सफर के लिए निकल पड़ा है। मुरकीम की मां का इंतकाल 25 मार्च को हुआ था। तब से मुरकीम और उसके दोस्त पैदल चल रहे हैं। तीन दिनों में सभी ने 20 किमी. की पैदल यात्रा की है। रास्ते में लोगों ने तीनों की मदद भी की।

बेगूसराय में दो संदिग्धों की मौत, शव छोड़कर भागे घरवाले

कोरोना के खौफ के चलते अपने लोग भी बेगाने की तरह व्यवहार करने लगे हैं। आलम यह है कि मरने के बाद भी लोग शव को कंधा देने से कतराने लगे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है, जब कोरोना के दो संदिग्धों की मौत के बाद उसके परिजन शव को छोड़कर भाग निकले। हालात ऐसे हैं कि दोनों शव अब भी घर में पड़े हैं और कोई शव को उठाने के लिए तैयार नहीं है। इस घटना ने पूरे जिले में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

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