रायपुरःकोरोना वायरस ने कुछ लोगों को ऐसे जख्म दिए हैं जिसे भुला पाना नामुमकिन है। वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। जिसके चलते कोई कहीं भी आ-जा नहीं पा रहा है। मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं, पहुंचेंगे या नहीं इसकी फ्रिक्र किए बिना ही वे पैदल 500-600-1000 किमी. के रास्ते पर पैदल चल रहे हैं।
इस क्रम में एक बुरी खबर रायपुर से आई है। वहां रहकर नौकरी करने वाले युवक को जब पता चला कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है तो वह लाख कोशिशों के बाद भी मां के जनाजे में नहीं पहुंच पाया। रायपुर में रहकर नौकरी करने वाले मुरकीम को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वह पैदल ही अपने दो दोस्तों के साथ रायपुर से वाराणसी के लंबे सफर के लिए निकल पड़ा है। मुरकीम की मां का इंतकाल 25 मार्च को हुआ था। तब से मुरकीम और उसके दोस्त पैदल चल रहे हैं। तीन दिनों में सभी ने 20 किमी. की पैदल यात्रा की है। रास्ते में लोगों ने तीनों की मदद भी की।