व्यक्ति को जिंदा जलाया, परिवार ने कहा, आरोपी किसान प्रदर्शन का हिस्सा
By भाषा | Updated: June 17, 2021 23:27 IST2021-06-17T23:27:05+5:302021-06-17T23:27:05+5:30

व्यक्ति को जिंदा जलाया, परिवार ने कहा, आरोपी किसान प्रदर्शन का हिस्सा
बहादुरगढ़ (हरियाणा), 17 जून राज्य में चार लोगों ने 42 वर्षीय एक व्यक्ति पर कथित रूप से ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को घटना की जानकारी देते हुए कहा कि मृतक के परिवार का आरोप है कि घटना के चारों आरोपी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा हैं।
हालांकि, इस संबंध में किसान संयुक्त मोर्चा का कहना है कि व्यक्ति ने आत्महत्या की है।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान झज्जर जिले में बहादुरगढ़ के कसरा गांव निवासी मुकेश के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि मुकेश के भाई द्वारा की गई शिकायत के अनुसार टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल चार लोगों ने बुधवार की शाम मुकेश को कथित रूप से जिंदा जला दिया। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि घटना के वक्त चारों आरोपी नशे की हालत में थे। मुकेश की बृहस्पतिवार तड़के मौत हो गई।
पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और फिलहाल उसकी जांच चल रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों में से एक की पहचान जींद जिला के निवासी के रूप में हुई है।
बृहस्पतिवार को मुकेश के परिवार के सदस्यों और गांव के कुछ लोगों ने उसके निकटतम परिजन को सहायता देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार पर किसान आंदोलन को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुकेश की मौत का मामला आत्महत्या का है।
केन्द्र सरकार द्वारा पिछले साल बनाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त संगठन, मोर्चा ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन को बदनाम करने और उसकी छवि खराब करने की लगातार कोशिशों के तहत स्थानीय ग्रामीण की आत्महत्या के दुर्भाग्यपूर्ण मामले का भाजपा /जजपा सरकार गलत इस्तेमाल कर रही है और उसके राजनीतिक एजेंट और ‘ट्रोल आर्मी’ किसी भी तरीके से किसान आंदोलन को इसमें फंसाने का प्रयास कर रही है।’’
मोर्चा के नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल और दर्शन पाल सहित अन्य ने एक बयान में दावा किया कि मुकेश ने कथित रूप से खुद पर पेट्रोल डाला और आग लगा ली। मोर्चा ने कहा, ‘‘किसान मोर्चा के स्वयंसेवकों ने जैसे ही यह देखा, वे आग बुझाने और उसकी जान बचाने भागे। उन्हें पता चला कि परिवार में हुए झगड़े के कारण उसने (मुकेश) आत्महत्या की।’’
मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि पेट्रोल पंप के एक कर्मचारी ने मुकेश की पहचान की और उसके परिवार को सूचित किया, जो उसे अस्पताल ले गए। उसने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी की जीवन की रक्षा का प्रयास करने वाले किसानों को फंसाया जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा में हरियाणा सरकार से अनुरोध किया कि वह घटना की निष्पक्ष जांच कराए और ‘‘मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।’’
किसान नेताओं ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वह इस ऐतिहासिक आंदोलन को बदनाम करने की और एक कोशिश को सच ना समझे।
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