केंद्र के संसद में ‘जन-विरोधी’ बिजली विधेयक लाने के खिलाफ ममता ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

By भाषा | Updated: August 7, 2021 20:17 IST2021-08-07T20:17:37+5:302021-08-07T20:17:37+5:30

Mamta wrote to the Prime Minister against the Center bringing in the 'anti-people' electricity bill in Parliament | केंद्र के संसद में ‘जन-विरोधी’ बिजली विधेयक लाने के खिलाफ ममता ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

केंद्र के संसद में ‘जन-विरोधी’ बिजली विधेयक लाने के खिलाफ ममता ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

कोलकाता, सात अगस्त केंद्र के संसद में बिजली (संशोधन) विधेयक, 2020 पेश करने के “जन विरोधी” कदम का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस विधेयक पर आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध किया है।

बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 विद्युत उपभोक्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं में से चुनाव का विकल्प देता है, ठीक उसी तरह जैसा कि उनके पास टेलीकॉम सेवाओं में विकल्प उपलब्ध है। लोकसभा के 12 जुलाई 2021 को जारी बुलेटिन के मुताबिक, सरकार ने इसे उन 17 नए विधेयकों की सूची में रखा है, जिन्हें संसद के मौजूदा सत्र में पेश करने की उसकी योजना है।

बनर्जी ने प्रधानमंत्री ने अनुरोध किया कि वो “यह सुनिश्चित करें कि इस विषय पर व्यापक-आधार वाला और पारदर्शी संवाद जल्द से जल्द शुरू किया जाए।”

उन्होंने रेखांकित किया कि यह विधेयक सरकारी सार्वजनिक उपयोगिता निकायों की भूमिका को कमतर करेगा और “साठगांठ वाले पूंजीवाद (क्रोनी कैपिटलिज्म)” को बढ़ावा देगा।

उन्होंने लिखा, “मैं काफी आलोचना झेल चुके विद्युत (संशोधन) विधेयक को संसद में पेश करने की केंद्र सरकार की नई पहल के खिलाफ फिर से अपना विरोध दर्ज करवाने के लिये यह पत्र लिख रही हूं। इसे पिछले साल पेश किया जाना था लेकिन हममें से कई लोगों ने मसौदा विधेयक के जन-विरोधी पहलुओं को रेखांकित किया था और कम से कम मैंने 12 जून 2020 को आपको लिखे अपने पत्र में इस विधेयक के सभी मुख्य नुकसानों के बारे में विस्तार से बताया था।”

बनर्जी ने पिछले साल 12 जून को मोदी को पत्र लिखकर मसौदा विद्युत (संशोधन) विधेयक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, जो उनके मुताबिक देश के संघीय ढांचे को “बर्बाद” करने का केंद्र द्वारा एक प्रयास था।

उन्होंने कहा, “इस विधेयक को तब पेश नहीं किया गया था और मेरा मानना था कि अब इस संवेदनशील मुद्दे पर एक सर्वमान्य नजरिये के लिये भी पक्षकारों के साथ व्यापक परामर्श किया जाएगा। मैं यह सुनकर स्तब्ध हूं कि हमारी आपत्तियों पर कोई विचार किए बिना यह विधेयक आ रहा है और वास्तव में इस बार इसमें कुछ बेहद जन-विरोधी चीजें भी हैं।”

बनर्जी ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य “उपभोक्ताओं को कई विकल्प उपलब्ध कराना है” लेकिन वास्तव में इससे शुल्क बढ़ेगा जिससे समाज के हर वर्ग के लिये समस्याएं पैदा होंगी।

उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक का उद्देश्य समूचे राज्य विद्युत ग्रिड को नेशनल ग्रिड का एक हिस्सा बनाना है।

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Web Title: Mamta wrote to the Prime Minister against the Center bringing in the 'anti-people' electricity bill in Parliament

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