CAA, NRC पर बोलीं सीएम ममता, ‘एकला चलो रे’, मुझे विपक्ष की जरूरत नहीं, ‘दोहरे मानदंड’ नहीं चाहिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 9, 2020 19:09 IST2020-01-09T19:09:47+5:302020-01-09T19:09:47+5:30

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को ट्रेड यूनियनों के बंद के दौरान राज्य में वामपंथी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कथित हिंसा से भी नाराज हैं। बंद केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, संशोधित नागरिकता कानून और पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में आहूत किया गया था।

Mamata spoke on NRC, 'Ekla chalo re', I don't need opposition, don't want 'double standards' | CAA, NRC पर बोलीं सीएम ममता, ‘एकला चलो रे’, मुझे विपक्ष की जरूरत नहीं, ‘दोहरे मानदंड’ नहीं चाहिए

बनर्जी ने कहा कि वामपंथियों और कांग्रेस के ‘‘दोहरे मानदंड’’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Highlightsट्रेड यूनियनों के 24 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं।प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क यातायात बाधित करने करने का भी प्रयास किया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो वह अकेले लड़ेंगी।’’ सदन में ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा और सीएए के खिलाफ कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बहिष्कार की घोषणा भी की।

बनर्जी बुधवार को ट्रेड यूनियनों के बंद के दौरान राज्य में वामपंथी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कथित हिंसा से भी नाराज हैं। बंद केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, संशोधित नागरिकता कानून और पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में आहूत किया गया था।

ट्रेड यूनियनों के 24 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क यातायात बाधित करने करने का भी प्रयास किया। बनर्जी ने कहा कि वामपंथियों और कांग्रेस के ‘‘दोहरे मानदंड’’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विधानसभा द्वारा सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने नयी दिल्ली में 13 जनवरी को सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है क्योंकि मैं वाम और कांग्रेस द्वारा कल (बुधवार) पश्चिम बंगाल में की गई हिंसा का समर्थन नहीं करती हूं।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि सदन सितंबर, 2019 में ही पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुका है ऐसे में नए सिरे से प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है। विपक्षी नेताओं ने जब ताजा प्रस्ताव लाने पर जोर दिया तो अपने रुख पर कायम रहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगी।

कांग्रेस और वामपंथियों की ओर से दबाव बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग पश्चिम बंगाल में एक नीति अपनाते हैं और दिल्ली में एकदम विपरीत नीति अपनाते हैं। मैं आपके साथ नहीं जुड़ना चाहती। अगर जरुरत पड़ी तो मैं अकेले लड़ने को तैयार हूं।’’ बुधवार को आहूत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई थी और उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।

बनर्जी का कहना है कि वह हड़ताल करने वालों के साथ सहानुभूति रखती हैं लेकिन वह बंद के खिलाफ हैं, जिससे लोगों को दिक्कतें आईं। संशोधित नागरिकता कानून, 2019 के मुद्दे पर विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा और देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी ने वाम मोर्चा सहित सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। 

Web Title: Mamata spoke on NRC, 'Ekla chalo re', I don't need opposition, don't want 'double standards'

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