लालू और ममता बनर्जी के मुलाकात के बीच नीतीश की गैरमौजूदगी के निकाले जाने लगे हैं मायने
By एस पी सिन्हा | Published: November 19, 2023 05:25 PM2023-11-19T17:25:51+5:302023-11-19T17:27:54+5:30
चर्चा है कि ये सभी लोग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के किसी पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता गए थे। ममता ने खास तौर पर लालू परिवार को इस समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा था।
पटना: इंडिया गठबंधन में शामिल राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव के कोलकाता जाने के निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। चर्चा है कि ये सभी लोग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के किसी पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता गए थे। ममता ने खास तौर पर लालू परिवार को इस समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा था। लेकिन यहां यह भी सवाल उठने लगा है कि आखिरकार किस कारण से ममता बनर्जी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को न्योता नहीं दिया या फिर नीतीश कुमार ने जाना मुनासिब नहीं समझा।
लालू परिवार का ममता बनर्जी के पारिवारिक समारोह में जाना और नीतीश कुमार की अनदेखी के सियासी निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं। आखिर किस कारण से केवल लालू परिवार से ममता बनर्जी के पारिवारिक समारोह में शामिल हुआ? जबकि इंडिया गठबंधन के रचयिता नीतीश कुमार से दूरी बना ली गई? ऐसे कई सवाल सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनते जा रहे हैं। वैसे कहा जा रहा है कि लालू और ममता के बीच रिश्ता काफी समय से अच्छा रहा हैं।
इसी साल जब देश के विपक्षी दलों की पटना में बैठक हुई थी, तब ममता बनर्जी बैठक में शामिल होने के लिए गई थी और उस दौरान ममता पटना पहुंचते ही सबसे पहले लालू यादव से मिलने उनके आवास पहुंची थी। यही नहीं उनके परिवार के हर सदस्य के लिए कुछ ना कुछ उपहार लेकर आई थीं। लेकिन सियासत में उपहार नहीं सियासी घटनाक्रम के चर्चा ज्यादा होते हैं।
ऐसे में ममता बनर्जी के लालू परिवार से ज्यादा नजदीकी के सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। कहा जा रहा है कि कहीं नीतीश कुमार के द्वारा विधानसभा में दिए गए अश्लील बयान के बाद ममता बनर्जी कहीं दूरी तो नही बनाने लगी हैं? कहीं ऐसा तो नही कि इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी कहीं ज्यादा प्रभावी भूमिका में आना चाहती हैं?
कारण कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसदों की संख्या किसी भी सूरत में नीतीश कुमार की पार्टी से ज्यादा रहने की संभावना है। ऐसे में ममता बनर्जी खुद को पीएम पद की दावेदार पेश कर सकती हैं। संभव है कि वक्त आने पर लालू यादव भी उनका समर्थन कर दें। ऐसे में दोनों के बीच बढ़ी नजदीकियां कोई नई सियासी खेल दिखा सकती हैं।