NRC के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी कोलकाता की सड़कों पर उतरीं, TMC कार्यकर्ताओं का उमड़ा हुजूम
By रामदीप मिश्रा | Published: September 12, 2019 03:25 PM2019-09-12T15:25:45+5:302019-09-12T15:58:20+5:30
पश्चिम बंगालः ममता बनर्जी ने एनआरसी के खिलाफ कोलकाता में एक विरोध मार्च निकाला है। इस दौरान भारी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असम में नेशनल सिटिजन रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के बाद से लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार निशाना साध रही हैं। इस बीच वह एनआरसी को लेकर सड़कों पर उतर गई और विरोध प्रदर्शन कर रही है। बता दें, असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची ऑनलाइन जारी की जा चुकी है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी ने एनआरसी के खिलाफ कोलकाता में एक विरोध मार्च निकाला है। इस दौरान भारी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे।
Kolkata: West Bengal Chief Minister and Trinamool Congress Chief Mamata Banerjee leads a protest march against National Register of Citizens(NRC) pic.twitter.com/5gmHbjTd9a
— ANI (@ANI) September 12, 2019
ममता बनर्जी ने कहा कि 19 लाख लोगों को अंतिम सूची से बाहर रखा गया है, जिसमें हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध शामिल हैं। स्वतंत्रता के 76 वर्ष हो गए हैं फिर भी हमें अपनी पहचान का प्रमाण देना है। क्यूं?
West Bengal CM & TMC Chief Mamata Banerjee at a protest march in Kolkata, against National Register of Citizens (NRC): 19 lakh people are left out in the final list, including Hindus, Muslims&Buddhists. It's 76 yrs of independence, still we've to give proof of our identity. Why? pic.twitter.com/eL6hhe4AN8
— ANI (@ANI) September 12, 2019
बता दें इससे पहले उन्होंने 06 सितंबर को प्रदेश की विधानसभा में कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनआरसी को लागू नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा था कि मैंने नीतीश कुमार से बात की, उन्होंने यह भी कहा कि वे नेशनल रजिस्टर सिटिजन्स (NRC) की अनुमति नहीं देंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ी संख्या में बंगालियों को एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे जाने को लेकर चिंता जता चुकी हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि एनआरसी की विफलता ने उन सभी लोगों को उजागर कर दिया है जो इससे राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें देश को बहुत जवाब देने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसा तब होता है जब कोई कार्य समाज की भलाई और देश के व्यापक हित के बजाय गलत उद्देश्य के लिए किया जाए। मेरी हमदर्दी उन सभी, विशेषकर बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी भाइयों और बहनों के साथ है, जो इस व्यर्थ की प्रक्रिया के कारण पीड़ित हुए हैं। असम में एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया।