नहीं रहे महावीरचक्र विजेता ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी, 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

By जनार्दन पाण्डेय | Published: November 17, 2018 03:29 PM2018-11-17T15:29:48+5:302018-11-17T15:32:41+5:30

लोंगेवाला की लड़ाई (1971) 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी सेक्टर में हुई पहली बड़ी लड़ाइयों में एक थी। यह राजस्थान के थार मरुस्थल में लोंगेवाल की भारतीय सीमा चौकी पर हमलावर पाकिस्तानी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच लड़ी गयी थी।

Mahavir Chakra Brigadier Kuldeep Singh Chandpuri no more, fought Pakistan in the 1971 war | नहीं रहे महावीरचक्र विजेता ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी, 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

कुलदीप ‌सिंह चांदपुरी (फाइल फोटो)

1971 की लोंगेवाला की ऐतिहासिक लड़ाई के नायक रहे और महावीरचक्र विजेता ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का मोहाली के एक निजी अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया। उनके परिवार ने बताया कि वह 78 साल के थे। वह कैंसर से ग्रस्त थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं।

वर्ष 1997 में आयी हिंदी फिल्मी ‘बॉर्डर’ राजस्थान में भारत-पाकिस्तान लड़ाई पर बनी थी। उसमें सन्नी देओल ने ब्रिगेडियर चांदपुरी की भूमिका निभायी थी। ब्रिगेडियर चांदपुरी महावीरचक्र विजेता थे।

लोंगेवाला की लड़ाई (1971) 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी सेक्टर में हुई पहली बड़ी लड़ाइयों में एक थी। यह राजस्थान के थार मरुस्थल में लोंगेवाल की भारतीय सीमा चौकी पर हमलावर पाकिस्तानी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच लड़ी गयी थी।

इस लड़ाई खास बात ये थी इस लड़ाई में कुलदीप ‌‌सिंह चांदपुरी के पास केवल 120 जवान थे। जबकि पाकिस्तानी सैनिक हजारों की संख्या में थे। जब कुलदीप ‌सिंह चांदपुरी ने भारतीय वायुसेना से मदद मांगी। तब रात होने के चलते वायुसेना कोई मदद नहीं कर पाई।

भारतीय सेना की 23 वीं बटालियन में मेजर कुलदीप सिंह की कमान वाली पंजाब रेजीमेंट के पास दो विकल्प थे - या तो वह और जवानों के आने तक पाकिस्तानी दुश्मनों को रोकने की कोशिश करे या भाग जाए।

इस रेजीमेंट ने पहला विकल्प चुना और चांदपुरी ने यह पक्का किया कि सैनिकों और साजो समान का अच्छे से अच्छा इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने अपने मजबूत बचाव की स्थिति का अधिक इस्तेमाल किया तथा दुश्मन की गलतियों का फायदा उठाया।

इस दौरान रातभर भारत के महज 120 जवान पाकिस्तान के कम से कम 3000 जवानों पर भारी पड़े। आखिरकार सुबह हुई और भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी को पीछे ढकेल दिया। लेकिन इस दौरान भारतीय थल सेना के जवान कुलदीप सिंह चांदपुरी की बटालियन पीछे नहीं हटी। इसमें कई भारतीय जवानों की जान चली गई थी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Web Title: Mahavir Chakra Brigadier Kuldeep Singh Chandpuri no more, fought Pakistan in the 1971 war

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