मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (बुलेट ट्रेन) परियोजना के चलते 13.36 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले करीब 54,000 मैंग्रोव वन प्रभावित होंगे। राज्य के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने सोमवार को यह जानकारी दी। वह राज्य विधान परिषद में शिवसेना की पार्षद मनीषा कायंदे के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
रावते ने कहा, “कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा और नवी मुंबई के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने की कोई आशंका नहीं होगी। परियोजना के खंभे ऊंचे होंगे और इसलिए पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान नहीं होगा।” रावते ने कहा कि राज्य सरकार ने इस कई अरब डॉलर की परियोजना के लिए काटे जाने वाले प्रत्येक पेड़ के स्थान पर पांच पौधे लगाने का प्रस्ताव दिया है।
रावते ने अपने लिखित उत्तर में कहा, “मेरी जानकारी के मुताबिक किसान उचित मुआवजे के लिए अपनी जमीन देने के इच्छुक हैं।’’ इस परियोजना में एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर की लागत आने का अनुमान है। इसके लिए निधि जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) उपलब्ध कराएगी।
कांग्रेस विधायक शरद रानपिसे द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में रावते ने कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन के लिए करीब 1,379 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगी जिसमें से 275.65 हेक्टेयर जमीन निजी सम्पत्ति है।
देवेंद्र फड़नवीस सरकार के अनुसार विक्रोली इलाके में इस प्रोजेक्ट के लिए 39.252 वर्गमीटर ज़मीन ख़रीदी जा चुकी है।
महाराष्ट्र सरकार पालघाट में 188 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहित करेगी जिससे 3498 परिवार प्रभावित होंगे। सरकार पहल ही 2.95 हेक्टेयर जमीन ख़रीद चुकी है।
ठाणे जिले में सरकार 84.81 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहित करेगी जिससे 6589 किसान प्रभावित हो सकते हैं। ठाणे में सरकार पहले ही 2.95 हेक्टेयर जमीन खरीद चुकी है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)