केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा-हमारा गठबंधन ख़त्म हुआ
By स्वाति सिंह | Published: November 11, 2019 01:42 PM2019-11-11T13:42:29+5:302019-11-11T13:50:57+5:30
शिवसेना के केंद्र सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि उद्धव ठाकरे को झूठा साबित करने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफा देने के बाद प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि उद्धव ठाकरे को झूठा साबित करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष और शिवसेना प्रमुख के बीच 50-50 फॉर्मूला तय हुआ था, जिसमें सीएम पद भी शामिल था। लेकिन अब बीजेपी ने अपनी इस बात को नाकारा है। ऐसे हालात में अब हमारा गठबंधन नहीं रहा।
सावंत ने कहा 'ये सब जो चल रहा है ऐसे माहौल में मेरा कैबिनेट में रहना उचित नहीं है। इसलिए मैंने अपना त्यागपत्र पीएम को सौंप दिया है। साथ ही जब सावंत से एनडीए से शिवसेना के बाहर होने पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे त्यागपत्र का मतलब समझ सकते हैं।
बता दें कि अरविंद सावंत के पास भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय था। मोदी सरकार में अरविंद सावंत शिवसेना के इकलौते मंत्री थे।
Shiv Sena MP Arvind Sawant: BJP went back from their pre election promises. It would not have been morally right for me to continue in the Centre, so I have resigned as Union Minister. pic.twitter.com/qZLt46dFFC
— ANI (@ANI) November 11, 2019
शिवसेना को राज्यपाल ने भेजा है न्योता
बीजेपी के इनकार के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी शिवसेना को सरकार बनाने का रविवार को न्योता भेजा था। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास 56 विधायक हैं जबकि सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए उसे कम से कम 145 विधायकों की जरूरत है।
राज्यपाल ने शनिवार को चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन कार्यकारी सरकार के प्रमुख मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने बहुमत की कमी का हवाला देते हुए सरकार बनाने में असमर्थता जतायी। अब राज्य में सरकार बनाने में कांग्रेस (44 विधायक) और एनसीपी (54 विधायक) के 98 विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है। अगर शिवसेना महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाती है, तब भी उसके पास कुल 154 विधायक होंगे जो सामान्य बहुमत से कुछ ही ज्यादा है।