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महाराष्ट्रः भाजपा सरकार के लिए गले का फंदा ना बन जाए 'कंठहार'

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 18, 2018 11:17 IST

सुस्त कार्यप्रणाली ने नेकलेस को समस्याओं की सड़क बना दिया है. अब यही 'कंठहार' भाजपा के गले का फंदा बन सकता है. नेकलेस रोड शहर के मध्य से गुजरता है और अत्यंत व्यस्त मार्ग है.

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र के अकोला शहर की आधी-अधूरी सड़कों का हाल देखा जाए तो नेकलेस का निर्माण भी इतना आसान नजर नहीं आ रहा. नेकलेस रोड शहर के मध्य से गुजरता है और अत्यंत व्यस्त मार्ग है.

नियोजन का अभाव और अनावश्यक देरी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी खटाई में डाल देती है. महाराष्ट्र के अकोला की नेकलेस रोड भी नौ महीनों से इसी कुनियोजन का शिकार हो रहा है. 'लोकमत समाचार' में निरंतर खबर प्रकाशित होने के बाद लोकनिर्माण विभाग, महानगर पालिका एवं बिजली कंपनी ने तकनीकी काम तो पूरा कर लिया है लेकिन अब भी नेकलेस रोड का निर्माण शुरू होने में करीब दो महीने लग सकते हैं.

बिजली की भूमिगत केबल डालने के बाद ही सड़क की खुदाई शुरू होगी और इस काम में महीनों लगने की संभावना है. भाजपा ने नेकलेस रोड को लेकर बड़े दावे किए थे लेकिन वक्त ने इन दांवों की पोल खोल दी है. सड़क की वर्तमान स्थिति तो बदतर है ही, भविष्य में भी खुदाई के दौरान नागरिकों की दिक्कतें और बढ़ेंगी ही.

सुस्त कार्यप्रणाली ने नेकलेस को समस्याओं की सड़क बना दिया है. अब यही 'कंठहार' भाजपा के गले का फंदा बन सकता है. नेकलेस रोड शहर के मध्य से गुजरता है और अत्यंत व्यस्त मार्ग है. आसपास के इलाकों का शुमार पॉश कालोनी में होता है. कई अस्पताल और शॉपिंग सेंटर हैं. नेहरू पार्क से सिविल लाइन, रतनलाल प्लॉट चौक, दुर्गा चौक और वहां से बिर्ला गेट तक 8 करोड़ रुपयों की लागत से नेकलेस का निर्माण प्रस्तावित है.

पालकमंत्री डॉ. रणजीत पाटिल ने अप्रैल माह में भूमिपूजन किया था, उसके बाद वहां एक पत्थर तक नहीं रखा जा सका. महीनों से काम प्रलंबित होने के कारण 'लोकमत समाचार' ने कई बार खबर प्रकाशित की. पालकमंत्री से बात की गई उसके बाद विगत सप्ताह दो दिनों में लोकनिर्माण विभाग, महानगर पालिका और बिजली कंपनी ने संयुक्त निरीक्षण कर नेकलेस रोड का मध्यम बिंदु(सेंटर प्वाइंट) तय किया.

बिजली कंपनी ने बिजली की भूमिगत केबल डालने का काम एक निजी एजेंसी को दिया है. पालकमंत्री के निर्देश पर तीनों विभागों के अधिकारियों ने एजेंसी के कर्मचारियों के साथ सड़क का निरीक्षण किया ताकि भूमिगत केबल की दृष्टि से सड़क की चौड़ाई एवं अन्य तकनीकी पक्ष साफ हो सकें.

उम्मीद की जा रही थी कि इस प्रक्रिया के बाद नेकलेस का निर्माण तेजी से होगा लेकिन अभी 'दिल्ली बहुत दूर' नजर आ रही है. बिजली कंपनी के सूत्रों की मानें तो कंपनी ने निविदा प्रक्रिया के माध्यम से भूमिगत केबल डालने का कार्य एक निजी एजेंसी को दिया है. निविदा के तय मापदंड के अनुरूप कोई भी कार्य कम से कम छह महीनों से दो साल तक की अवधि के लिए दिया जाता है.

एजेंसी ने केबल बुलाई है जो अभी आनी है. केबल आने के बाद काम शुरू होगा. कितनी भी तेजी से काम किया गया तो भी कम से कम 2 से 3 महीने लगने की संभावना है. लोकनिर्माण विभाग के अभियंता पटोकार की मानें तो पहले भूमिगत केबल के लिए खुदाई होगी. उसके बाद सड़क की खुदाई शुरू हो पाएगी. इसी कड़ी में आगे सड़क के दोनों ओर नाली बनाई जाएगी. भूमिगत केबल का काम बिजली कंपनी ने निजी एजेंसी को दिया है, वही कंपनी केबल डालने के लिए खुदाई भी करेगी. बॉक्स केबल डालने का कार्य होगा शुरू बिजली कंपनी ने भूमिगत केबल डालने का कार्य निविदा के माध्यम से एक निजी कंपनी को दिया है. कंपनी ने सर्वेक्षण कर लिया है और केबल भी बुलाई है. केबल आते ही कंपनी अपना काम शुरु कर देगी. अमूमन छह माह लगते हैं लेकिन नेकलेस रोड का निर्माण जरूरी है. उसे देखते हुए कंपनी को प्राथमिकता के साथ दो से तीन महीनों में काम निपटाने का निर्देश दिया गया है ताकि सड़क निर्माण शीघ्र शुरु हो सके.- पवन कुमार कचोट अधीक्षक अभियंता, अकोला

नेकलेस दमकेगा 2020 में?

शहर में सड़क निर्माण की लचर प्रक्रिया देखकर लोगों की सांस फूलने लगती है. जिलाधिकारी कार्यालय से पंचायत समिति चौक तक और तिलक मार्ग का निर्माण डेढ़ साल से ज्यादा समय होने पर भी पूरा नहीं हो पाया है. खुदी हुईं सड़कें केवल मुसीबत खड़ी कर रही हैं. कुछ सीमेंट सड़कें बनी तो भ्रष्टाचार के कारण विवादों में आ गईं. शहर की आधी-अधूरी सड़कों का हाल देखा जाए तो नेकलेस का निर्माण भी इतना आसान नजर नहीं आ रहा. लचर निर्माण प्रक्रिया पर गौर करें तो 2020 के पहले नेकलेस के दमकने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे.

टॅग्स :महाराष्ट्रदेवेंद्र फड़नवीस
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