महाराष्ट्र : गढ़चिरौली में खनन पट्टा रद्द करने की मांग को लेकर आदिवासियों का धरना शुरू
By भाषा | Published: October 27, 2021 05:27 PM2021-10-27T17:27:51+5:302021-10-27T17:27:51+5:30
नागपुर, 27 अक्टूबर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली तालुका में आदिवासियों ने लौह अयस्क खनन परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
स्थानीय आदिवासियों ने 25 अक्टूबर को 'सुरजागढ़ परम्परागत इलाका गोतुल समिति' के तत्वावधान में सुरजागढ़ में लौह अयस्क खनन परियोजना को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था और एक निजी कंपनी को दिए गए पट्टे को रद्द करने की मांग की थी।
शेतकारी कामगार पक्ष के स्थानीय नेता तथा राज्य समिति के सदस्य रामदास जराटे ने 'पीटीआई-भाषा' से फोन पर कहा कि उन्होंने गढ़चिरौली में खनन गतिविधियों पर आपत्ति जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा है।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सुरजागढ़ खनन परियोजना को दिया गया पट्टा पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम यानी पेसा अधिनियम, 1996 और वन अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। उनका यह भी कहना है कि खनन पट्टा जारी होने से पहले उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया था।
उन्होंने कहा, ''हम चाहते हैं कि गढ़चिरौली में सुरजागढ़ और 20 अन्य खनन पट्टों के समझौते रद्द कर दिए जाएं।''
आंदोलन का समर्थन कर रहे गढ़चिरौली से कांग्रेस के पूर्व विधायक नामदेव उसेंडी ने कहा कि सरकार ग्राम सभा की मंजूरी के बिना पट्टा नहीं दे सकती।
प्रसिद्ध गांधीवादी कार्यकर्ता और एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी वी पहले दिन आदिवासियों के आंदोलन में गए थे।
उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''आदिवासी इलाकों में संघर्ष का स्तर बढ़ रहा है, जिसका फायदा दूसरे लोग उठा सकते हैं। इस संघर्ष को समझना हमारी जिम्मेदारी है। इसे कम करने के लिए हमें हस्तक्षेप करना चाहिए...।''
उन्होंने कहा, ''रोजगार एक बात है, लेकिन उनके जीवन, संस्कृति और संसाधनों की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। और यह तभी होगा जब सरकार के साथ-साथ लोगों द्वारा कानूनों का सम्मान किया जाएगा।
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