फड़नवीस के खिलाफ याचिका पर BJP की आपत्ति पर SC ने कहा, 'कोर्ट में कुछ भी संभव', कोई पीएम बनने के लिए भी कह सकता है'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 24, 2019 02:56 PM2019-11-24T14:56:08+5:302019-11-24T14:57:05+5:30
Sky is the limit: रविवार को फड़नवीस सरकार के खिलाफ याचिका पर बीजेपी की आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, स्काई इज द लिमिट
रविवार को जब भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के खिलाफ दायर की गई शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सवाल उठाए तो सुप्रीम कोर्ट ने असीमित आकाश (Sky is the limit) का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कोर्ट में कुछ भी असंभव नहीं है।
तीनों पार्टियों द्वारा महाराष्ट्र में राज्यपाल द्वारा शनिवार सुबह देवेंद्र फड़नवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के दौरान पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बीजेपी की तरफ से ये सवाल उठाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'कुछ भी पूछने की सीमा नहीं है'
एएनआई के मुताबिक, बीजेपी द्वारा इस याचिका पर सवाल उठाने पर जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, 'इस कोर्ट में (कुछ पूछने) कुछ भी संभव है, कोई भी कुछ भी मांग सकता है। कोई व्यक्ति उसे पीएम बनाने के कह सकता है।'
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र को महाराष्ट्र गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी द्वारा बीजेपी के देवेंद्र फड़नवीस को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने के लिए गई चिट्ठी सोमवार सुबह 10.30 बजे तक पेश करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय बेंच ने साथ ही सरकार को देवेंद्र फड़नवीस द्वारा राज्यपाल को दिए गए विधायकों के समर्थन पत्र को भी सौंपने को कहा है।
इससे पहले रविवार को इस मामले की सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने कोर्ट से राज्यपाल कोश्यारी को रविवार को ही फड़नवीस को अपना बहुमत साबित करने का निर्देश देने की मांग की।
बीजेपी ने कहा कि राज्यपाल के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है और सुप्रीम कोर्ट को फड़नवीस को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दो-तीन दिन का समय मिलना चाहिए। बीजेपी की ओर से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को एक दिन में विश्वास मत परीक्षण कराने का आदेश नहीं दे सकता है।'
इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल किसी को भी शपथ नहीं दिलवा सकते हैं।