महाराष्ट्र: देवेंद्र फड़नवीस ने शुरू की बीजेपी सरकार बनाने की तैयारी, मंत्री पद पर बंटवारे पर मंथन, ऐसे तैयार होगा फॉर्मूला
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 1, 2019 09:31 AM2019-11-01T09:31:19+5:302019-11-01T09:31:19+5:30
वर्तमान बीजेपी के मंत्रियों में से तीन से चार लोगों को किनारे किया जा सकता है. इससे भाजपा को नए चेहरों को मौका देने में सुविधा होगी.
यदु जोशी
भारतीय जनता पार्टी के संभावित मंत्रियों की सूची तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकात पाटिल ने गुरुवार को चर्चा की. पार्टी आलाकामान के समक्ष जातीय, प्रादेशिक के साथ-साथ नए-पुराने चेहरों का समन्वय साधने की गंभीर चुनौती है.
तीन कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे, राम शिंदे, डॉ.अनिल बोंडे पराजित हो गए हैं और विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले को उम्मीदवारी ही नहीं मिली. इसलिए भाजपा के कोटे के ग्रामविकास, महिला व बाल कल्याण, कृषि, जलसंधारण, ऊर्जा व उत्पादन शुल्क आदि महत्वपूर्ण विभाग अन्य मंत्रियों को दिए जा सकते हैं.
वर्तमान मंत्रियों में से तीन से चार लोगों को किनारे किया जा सकता है. इससे भाजपा को नए चेहरों को मौका देने में सुविधा होगी. पिछले मंत्रिमंडल में विदर्भ से मुख्यमंत्री सहित भाजपा के छह कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री थे. कहा जा रहा है कि 2014 के चुनाव में विदर्भ से भाजपा के 44 विधायक चुनकर आए थे. इस बार यह संख्या 29 पर आ गई है. इसलिए मंत्रिमंडल में पहले ही तरह विदर्भ का बोलबाला नहीं रहेगा.
इसके विपरीत मुंबई सहित कोंकण में भाजपा का संख्या बल 26 से 27 पर पहुंच गया है. इसलिए इस क्षेत्र को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है. कोल्हापुर, पालघर आदि जिले भाजपामुक्त हो गए हैं. वहां किसी को अवसर मिलने की संभावना नहीं है. अमरावती, चंद्रपुर, पुणे, अहमदनगर जिले में भाजपा पिछड़ गई है. 'संकटमोचक' गिरीश महाजन के जलगांव व उत्तर महाराष्ट्र में 2014 की सफलता की पुनरावृत्ति नहीं हुई है. संख्या बल 6 से घटकर 4 पर आ गया है.
धुलिया, नंदुरबार, बुलढाणा का स्कोर नहीं सुधर पाया. वहां की जय-पराजय का विश्लेषण किया गया है. उसी के अनुसार मंत्री पद देने के बारे में फैसला किया जा सकता है. इसके बावजूद अच्छी सफलता देने वाले जिलों को अच्छे मंत्री पद मिल सकते हैं. इनमें मुंबई, ठाणे, अकोला, यवतमाल, वर्धा, औरंगाबाद, जालना, नासिक शहर, सातारा, सोलापुर जिला आदि का समावेश है.
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री फड़नवीस और प्रदेशाध्यक्ष पाटिल पार्टी के कुछ नेताओं से सलाह-मशविरा कर एक सूची तैयार करेंगे और पार्टी आलाकमान से मंजूरी लेंगे. 'लैक ऑफ टैलेंट' फड़नवीस के पहले मंत्रिमंडल के बारे में बार-बार 'लैक ऑफ टैलेंट' को लेकर आपत्ति जताई जाती रही है. यह भी कहा गया कि दो-चार मंत्रियों को छोड़ दिया जाए तो अन्य में मंत्री पद के लायक हैसियत ही नहीं है.
इस बार यह आपत्ति दूर कर अच्छी टीम देने का प्रयास फड़नवीस का रहेगा. हैसियत हो या न हो, कुछ चेहरों को जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर शामिल किया जाता है. इस बार भी इसी तरह विचार किया गया तो योग्यता को दरकिनार किया जा सकता है. टीम देवेंद्र पहले मंत्रिमंडल का चेहरा ' टीम देवेंद्र' नहीं था. अलग-अलग समीकरण के हिसाब से मंत्री पद दिए गए. माना जा रहा है कि इस बार 'टीम देवेंद्र' के सदस्य के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ चेहरे निश्चित रूप से शामिल किए जाएंगे.