Maharashtra New CM: महायुति गठबंधन की विशाल जीत के बाद कोई जश्न क्यों नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-सरकार बनाने का दावा नहीं किया और फिर भी राष्ट्रपति शासन नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2024 14:52 IST2024-12-01T14:51:45+5:302024-12-01T14:52:38+5:30
Maharashtra New CM: सभी वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए।

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Maharashtra New CM: शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी इसलिए हो रही क्योंकि सत्तारूढ़ महायुति में शामिल पार्टियों ने कभी नहीं सोचा था कि वे दोबारा सत्ता में आएंगी। ठाकरे की इस टिप्पणी के कुछ घंटे बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने कहा कि महाराष्ट्र में नयी महायुति सरकार पांच दिसंबर की शाम मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेगी। ठाकरे राज्य में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और धनबल के कथित दुरुपयोग के खिलाफ यहां तीन दिवसीय प्रदर्शन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बाबा आढाव से मिलने गए। आढाव के बगल में बैठे ठाकरे ने कहा कि महायुति गठबंधन की विशाल जीत के बाद कोई जश्न क्यों नहीं मनाया गया।
आढाव ने ठाकरे के हाथों से एक गिलास पानी स्वीकार कर अपना आंदोलन समाप्त किया। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘जब महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का गठन हुआ (2019 के चुनावों के बाद), राष्ट्रपति शासन लागू था। इस बार किसी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है, फिर भी राष्ट्रपति शासन नहीं है।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘उन्होंने (महायुति सहयोगियों ने) कभी नहीं सोचा था कि वे दोबारा सत्ता में आएंगे, इसलिए उनके पास कोई योजना नहीं थी कि मुख्यमंत्री कौन होगा, मंत्री कौन होंगे। यही कारण है कि सरकार गठन में समय लग रहा है।’’ उन्होंने यह भी मांग की कि सभी वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए। ठाकरे ने पूछा, ‘‘कोई भी देख सकता है कि वोट डाला गया है।
लेकिन कोई यह कैसे सत्यापित कर सकता है कि वोट कैसे दर्ज किया गया है।’’ ठाकरे ने कहा कि 20 नवंबर को मतदान के आखिरी एक घंटे में 76 लाख वोट डाले गए, जिसका मतलब है कि इस अवधि के दौरान हर मतदान केंद्र पर औसतन 1,000 लोगों ने मतदान किया। उन्होंने दावा किया कि मतदान केंद्रों के बाहर लगी कतारें इस बात को प्रतिबिंबित नहीं करतीं।