बुरे फंसे भाजपा विधायक कीर्तिकुमार भांगडिया, गरीबों के लिए बनी बेघर योजना में हासिल किया फ्लैट-दुकान, एफआईआर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 11, 2021 15:34 IST2021-01-11T15:33:26+5:302021-01-11T15:34:22+5:30
भाजपा विधायक कीर्तिकुमार भांगडिया के खिलाफ इमामवाड़ा और सक्करदरा पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. चिमुर से विधायक हैं.

नासुप्र द्वारा दस्तावेज नहीं दिए जाने से पुलिस मामला दर्ज करने से बच रही है.
नागपुरः फर्जी शपथ पत्र देकर बेघर लोगों के आरक्षित नासुप्र के फ्लैट तथा दुकान हासिल किए जाने के प्रकरण में चिमुर के भाजपा विधायक कीर्तिकुमार भांगडिया के खिलाफ इमामवाड़ा और सक्करदरा पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
अदालत के निर्देश पर पुलिस ने शनिवार की रात यह मामले दर्ज किए हैं. इससे भांगडि़या से जुड़े लोगों में खलबली मची हुई है. श्रीराम पैलेस, लोकमत चौक निवासी कीर्तिकुमार भांगडिया चिमुर से विधायक हैं. प्रकरण के शिकायतकर्ता अधि. तरुण परमार है.
परमार की शिकायत के अनुसार नासुप्र ने इमामवाड़ा थाने के तहत उंटखाना के दहीपुरा में बेघर लोगों के गृह निर्माण योजना बनाई थी. इस योजना का लाभ केवल बेघर लोग ही हासिल कर सकते थे. जिस व्यक्ति के नाम पर नासुप्र की सीमा में कोई भी संपत्ति है वह योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकता था.
भांगडिया ने अपने नाम पर कोई भी संपत्ति नहीं होने का फर्जी कागजात देकर 14 मार्च 2007 से 25 जून 2008 के दौरान गृह निर्माण योजना में फ्लैट हासिल कर लिया. फ्लैट हासिल करने के कुछ समय बाद ही भांगडिया ने एक दुकान के लिए आवेदन किया. बताया जाता है कि यहां भी फर्जी शपथपत्र पेश करके दुकान हासिल कर ली.
नासुप्र ने सक्करदरा थाने के तहत आयुर्वेदिक ले-आऊट में भी बेघर लोगों के गृह निर्माण की योजना बनाई थी. भांगडि़या ने इस योजना के तहत भी आवेदन किया. यहां भी अपने तथा परिवार के नाम पर कोई मकान-दुकान अथवा जमीन नहीं होने का फर्जी शपथपत्र पेश करके फ्लैट हासिल कर लिया.
कुछ समय पहले यह मामला सामने आने पर अधि. तरुण परमार ने इमामवाड़ा तथा सक्करदरा थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने नासुप्र से मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे. नासुप्र द्वारा दस्तावेज नहीं दिए जाने से पुलिस मामला दर्ज करने से बच रही है. अधि. परमार ने अदालत में शिकायत की. बीते सप्ताह अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया. शनिवार की रात इमामवाड़ा और सक्करदरा पुलिस ने भा.दं.सं. की धारा 199, 200 तथा 420 के तहत मामला दर्ज किया.
नासुप्र की संदिग्ध भूमिकाः बताया जाता है कि नासुप्र प्रकरण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रही है. इसीलिए पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. इससे प्रकरण में नासुप्र अधिकारियों की अहम भूमिका होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है. पुलिस तत्काल दस्तावेज हासिल करने के लिए नासुप्र को रिमांडर देनेवाली है. प्रकरण संवेदनशील होने से पुलिस भी जानकारी देने से बच रही है.