महाराष्ट्र अस्पताल आग हादसा : मृतकों के परिजन सदमे में

By भाषा | Updated: November 7, 2021 14:41 IST2021-11-07T14:41:31+5:302021-11-07T14:41:31+5:30

Maharashtra hospital fire accident: The families of the dead are in shock | महाराष्ट्र अस्पताल आग हादसा : मृतकों के परिजन सदमे में

महाराष्ट्र अस्पताल आग हादसा : मृतकों के परिजन सदमे में

पुणे, सात नवंबर अहमदनगर के एक अस्पताल में लगी आग में मारे गए 11 कोविड-19 मरीजों के परिवार के सदस्य सदमे में हैं और वे अभी तक इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाए हैं कि जिन प्रियजनों का इलाज कराने के लिए उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराया था वे अब कभी घर नहीं लौटेंगे।

उनमें से कुछ अपने आप को संभाल नहीं पा रहे हैं क्योंकि कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के कारण वे अपने मृत परिजनों को आखिरी बार देख भी नहीं पाए। अस्पताल प्रशासन ने शनिवार देर शाम जब उन्हें शव सौंपे तो उन्होंने भारी मन से अपने प्रियजन को अंतिम विदाई दी।

महाराष्ट्र के अहमदनगर में शनिवार को एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू में भीषण आग लगने से 11 कोविड मरीजों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में पूर्वाह्न करीब 11 बजे आग लगी, जहां कोविड-19 के 17 मरीजों का इलाज चल रहा था। उनमें से कई वरिष्ठ नागरिक थे और कुछ वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर थे। पुणे से अहमदनगर करीब 120 किलोमीटर दूर है।

अस्पताल प्रशासन ने देर शाम शव परिजनों को सौंपे जिन्होंने जिले के अहमदनगर शहर और पड़ोसी नेवासा तहसील के शवदाहगृहों में अपने रिश्तेदारों के अंतिम संस्कार किए।

इस घटना में अपने रिश्तेदार रामकृष्ण हरपुडे (70) को खोने वाले आदिनाथ वाग ने शनिवार रात को नेवासा में अपने पैतृक स्थान में उनका अंतिम संस्कार किया। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘केवल दो दिन पहले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन आग लगने की घटना में उनकी मौत हो गयी।’’

वाग ने बताया कि परिवार के कई करीबी सदस्य गमगीन हैं क्योंकि वे कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के कारण आखिरी बार हरपुडे का चेहरा भी नहीं देख पाए। उन्होंने कहा, ‘‘शव मिलने के बाद उसे हमारे पैतृक स्थान ले जाया गया और परिवार के करीबी सदस्यों की मौजूदगी में हमने अंतिम संस्कार किया।’’

इस घटना में अपने पिता भिवाजी पवार (80) को खोने वाले भगवान पवार ने कहा कि उन्हें परनेर तहसील के अपने पैतृक गांव के बजाय अहमनगर जिले में ही उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा। उन्होंने दुख जताया कि अन्य रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता की दुखद मौत हुई है। कोविड-19 के कारण अंतिम संस्कार अहमदनगर में ही किया गया। हमारे परिवार में से कुछ ही लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

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Web Title: Maharashtra hospital fire accident: The families of the dead are in shock

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