मुंबई मिल श्रमिकों को छोटे मकान आवंटित करने का निर्णय वापस लेगी महाराष्ट्र सरकार: मंत्री
By भाषा | Updated: December 22, 2021 15:16 IST2021-12-22T15:16:34+5:302021-12-22T15:16:34+5:30

मुंबई मिल श्रमिकों को छोटे मकान आवंटित करने का निर्णय वापस लेगी महाराष्ट्र सरकार: मंत्री
मुंबई, 22 दिसंबर महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने बुधवार को विधान परिषद को बताया कि राज्य सरकार मुंबई में मिल श्रमिकों को 160 वर्ग फुट के मकान आवंटित करने का 2016 में लिया गया निर्णय वापस लेगी।
उन्होंने कहा कि इन मकानों की खरीद के लिए मिल श्रमिकों द्वारा भुगतान की गई राशि भी ब्याज के साथ वापस की जाएगी।
सरकार मिल श्रमिकों को एमएचएडीए के पास उपलब्ध होने पर नये फ्लैट देगी। आव्हाड कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य भाई जगताप द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
मंत्री ने कहा, ‘‘बेहद छोटे आकार के मकान आवंटित करने का 2016 का निर्णय, जो (मिल श्रमिकों को) दिया जाना था, वापस लिया जाएगा। हमारा विचार है कि मिल श्रमिकों को ऐसे छोटे मकान नहीं दिए जाने चाहिए। हम उन मिल श्रमिकों को ब्याज के साथ 33 करोड़ रुपये भी लौटाएंगे, जो उन्होंने इन मकानों की खरीद के लिए दिये थे।’’
आव्हाड ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि वह इस बारे में राजनीति में नहीं जाना चाहते कि 2016 में (जब यह निर्णय लिया गया था) महाराष्ट्र में कौन सत्ता में था।
महाराष्ट्र में 2014 से 2019 तक भाजपा-शिवसेना की सरकार थी। आवास विभाग उस समय भाजपा के पास था। मिल श्रमिकों के लिए इन मकानों का निर्माण मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा किया गया था। बाद में, एमएचएडीए (महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण) ने इन मकानों को मिल श्रमिकों को आवंटित करने का निर्णय लिया।
आव्हाड ने कहा कि एमएचएडीए को मिल श्रमिकों द्वारा एमएमआरडीए को किया गया कोई भुगतान नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘फ्लैट की राशि छह लाख रुपये प्रति फ्लैट तय की गई थी। हम मिल मजदूरों को राशि लौटा देंगे और जब भी एमएचएडीए के पास नये फ्लैट उपलब्ध होंगे, हम उन्हें मिल श्रमिकों को आवंटित कर देंगे। 160 वर्ग फुट का घर आवंटित करने की योजना बनाना मिल मजदूरों का अपमान है।’’
मंत्री ने कहा कि मुंबई में अब तक जिन मिल श्रमिकों को घर आवंटित किए गए हैं, उनकी संख्या के बारे में उनके पास सटीक जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य आवास विभाग और राज्य शहरी विकास विभाग इस संबंध में विशेष बैठकें करेंगे।
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