"मुंबई ट्रेन विस्फोटों के बारे में महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट गोपनीय, दोषी को नहीं दी जा सकती"
By भाषा | Updated: March 24, 2021 20:20 IST2021-03-24T20:20:42+5:302021-03-24T20:20:42+5:30

"मुंबई ट्रेन विस्फोटों के बारे में महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट गोपनीय, दोषी को नहीं दी जा सकती"
नयी दिल्ली, 24 मार्च केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोटों के बारे में महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज है और यह दोषी को नहीं दी जा सकती जिसे मौत की सजा सुनाई गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोषी अहतशाम कुतुबुद्दीन सिद्दीकी की याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में यह बात कही है।
विस्फोट मामले के दोषी ने दावा किया है कि वह निर्दोष है और उसे गलत फंसाया गया है तथा यह मानवाधिकार उल्लंघन के बराबर है।
मामला आज न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था जिसपर अब 22 जुलाई को सुनवाई होगी।
मुंबई में लोकल ट्रेनों में 11 जुलाई 2006 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 189 लोग मारे गए थे और 829 अन्य घायल हुए थे।
सिद्दीकी की ओर से वकील अर्पित भार्गव पैरवी कर रहे हैं।
विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए सिद्दीकी ने ने आंध्र प्रदेश सरकार का वह डोजियर भी मांगा है जो विस्फोटों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने संबंधी जांच से जुड़ा है।
उसने ये रिपोर्ट खुद को निर्दोष साबित करने के लिए मांगी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट को इस आधार पर देने से इनकार कर दिया है कि यह गोपनीय दस्तावेज है और इसने आंध्र प्रदेश सरकार के डोजियर के बारे में कहा है कि यह उसके पास नहीं है।
मंत्रालय की पैरवी केंद्र सरकार के वकील राहुल शर्मा कर रहे हैं।
इसने कहा है कि इस तरह के गोपनीय दस्तावेज के बारे में जानकारी न देने की सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत छूट प्रदान की गई है।
मंत्रालय ने कहा है कि दोषी की याचिका में कोई दम नहीं है और यह कानून की प्रक्रिया का उल्लंघन है तथा इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए।
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