Maharashtra Government: 31 मई तक किलों को अतिक्रमण मुक्त करो?, देवेंद्र फडणवीस का ऐलान, महाराष्ट्र में 47 किले केंद्र और 62 राज्य द्वारा संरक्षित, 300 किले संरक्षण रहित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 21, 2025 12:40 IST2025-01-21T12:39:05+5:302025-01-21T12:40:14+5:30
Maharashtra Government: महाराष्ट्र में 47 किले केंद्र द्वारा संरक्षित हैं, 62 राज्य द्वारा संरक्षित हैं और लगभग 300 किले संरक्षण रहित हैं।

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Maharashtra Government:महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य भर के किलों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने 31 मई तक अवैध अतिक्रमण को हटाने का लक्ष्य तय किया है। अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारियों को 31 जनवरी तक किलेवार अतिक्रमण की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्थित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियां गठित की जाएंगी, जो एक फरवरी से 31 मई तक चरणबद्ध तरीके से अतिक्रमण हटाए जाने की निगरानी करेंगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में अतिक्रमण रोकने के मकसद से सरकार सतर्कता समितियां भी गठित करेगी।
फडणवीस ने कहा, ‘‘निर्णायक कार्रवाई के लिए जनता की मांग बढ़ रही थी और सरकार ने इसके अनुसार यह कार्रवाई की है।’’ महाराष्ट्र में 47 किले केंद्र द्वारा संरक्षित हैं, 62 राज्य द्वारा संरक्षित हैं और लगभग 300 किले संरक्षण रहित हैं। इस पहल का उद्देश्य इन सांस्कृतिक धरोहरों के ऐतिहासिक और सौंदर्य संबंधी महत्व को संरक्षित करना है।
राज्य सरकार ने सोमवार को सरकारी संकल्प (जीआर) जारी कर किलों पर अतिक्रमण से निपटने के लिए समितियों के गठन का आदेश दिया। राज्य के संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने कहा, ‘‘जिला स्तरीय समितियों में पुलिस आयुक्त, नगर निगम प्रमुख, वन अधिकारी और पुरातत्व विभाग के प्रतिनिधि शामिल होंगे। वे सुनिश्चित करेंगे कि अतिक्रमणकारियों से ठीक तरह से निपटा जाए और कानून-व्यवस्था बनी रहे।’’ उन्होंने कहा कि समितियां प्रगति की समीक्षा करने के लिए मासिक बैठक करेंगी और राज्य सरकार को नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
यह कदम कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण के बाद उठाया गया है। शेलार ने कहा कि इस पहल में मौजूदा अतिक्रमण को हटाना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि ये ऐतिहासिक धरोहर भावी पीढ़ियों के लिए अच्छी तरह संरक्षित रहें।