महाराष्ट्र: चुनाव आयोग ने उद्धव गुट की शिवसेना को पार्टी चंदा स्वीकार करने की अनुमति दी
By रुस्तम राणा | Updated: July 18, 2024 18:32 IST2024-07-18T18:17:36+5:302024-07-18T18:32:18+5:30
ईसीआई ने आज अपने संचार में पार्टी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 बी और धारा 29 सी के अनुपालन में ‘सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा स्वेच्छा से दिए गए किसी भी राशि के योगदान को स्वीकार करने’ के लिए अधिकृत किया है।

महाराष्ट्र: चुनाव आयोग ने उद्धव गुट की शिवसेना को पार्टी चंदा स्वीकार करने की अनुमति दी
मुंबई: भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शिवसेना (यूबीटी) पार्टी को सार्वजनिक योगदान स्वीकार करने की अनुमति दे दी है। ईसीआई ने आज अपने संचार में पार्टी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 बी और धारा 29 सी के अनुपालन में ‘सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा स्वेच्छा से दिए गए किसी भी राशि के योगदान को स्वीकार करने’ के लिए अधिकृत किया है, जो सभी राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले योगदान को नियंत्रित करता है।
आपको बता दें कि इस प्राधिकरण के साथ, शिवसेना (यूबीटी) अपने वित्तीय आधार को मजबूत करने के लिए तैयार है। यह कदम भविष्य के चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे उसे अभियान और अन्य राजनीतिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए आवश्यक संसाधन मिल सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार को दान स्वीकार करने की अनुमति दी थी।
Election Commission of India (ECI) allows “Shiv Sena (UBT)” party to accept public contributions. ECI in its communication today has authorized the party to ‘accept any amount of contribution voluntarily offered to it by any person or company other than a government company’ in… pic.twitter.com/Qa0cOqb0iu— ANI (@ANI) July 18, 2024
Election Commission of India (ECI) allows “Shiv Sena (UBT)” party to accept public contributions. ECI in its communication today has authorized the party to ‘accept any amount of contribution voluntarily offered to it by any person or company other than a government company’ in… pic.twitter.com/Qa0cOqb0iu— ANI (@ANI) July 18, 2024
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, एक प्रमुख विधायी ढांचा है जो भारत में राजनीतिक दलों के वित्तपोषण को नियंत्रित करता है। धारा 29बी और 29सी विशेष रूप से योगदान की स्वीकृति और राजनीतिक दलों द्वारा इन योगदानों की रिपोर्ट ईसीआई को देने की आवश्यकता से संबंधित है।