मुंबई में गुरुवार को हुई एक बैठक में एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता चुन लिया गया। बीजेपी और शिवसेना के बीच चली रही तनातनी के बीच उद्धव ठाकरे की अध्यता में हुई बैठक में ये फैसला किया गया। आदित्य ठाकर ने बैठक में एकनाथ शिंद के नाम का प्रस्ताव रखा। सुनील प्रभु शिवसेना के चीफ व्हिप चुने गये। ठाणे से विधायक शिंदे पूर्ववर्ती कार्यकाल में भी सदन के नेता थे। वह इसके साथ ही बीजेपी-शिवसेना सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे।
शिवसेना सूत्रों ने कहा कि पार्टी प्रमुख और आदित्य ठाकरे के पिता उद्धव ठाकरे अपने बेटे को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाए जाने के इच्छुक नहीं थे। इस बैठक में कुछ निर्दलीय विधायक भी उपस्थित थे जिन्होंने 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान जारी रहने के बीच शिवसेना को समर्थन की घोषणा की है।
इस बीच ये भी खबर आई है कि शिवसेना के नेता आज दोपहर बाद 3.30 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेंगे। शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे, दिवाकर रावत और सुभाष देसाई राज्यपाल से मिलने जाएंगे।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ दिन पहले घोषित हुए थे। उद्धव ठाकरे की शिवसेना का अगली सरकार में सत्ता बंटवारे को लेकर सहयोगी बीजेपी के साथ 24 अक्टूबर से ही खींचतान चल रहा है, जब चुनाव परिणाम घोषित हुए थे। शिवसेना भाजपा के साथ समान अवधि के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है।
इससे पूर्व बीजेपी ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को फिर से विधायक दल का नेता चुन लिया था। शिवसेना ने चुनाव में 56 सीटें जीती हैं और अभी तक छह विधायकों का समर्थन हासिल कर चुकी है। इससे 288 सदस्यीय विधानसभा में उसकी संख्या बढ़कर 62 हो गई है। वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में 105 सीटें जीतने वाली भाजपा को कम से कम छह विधायकों का समर्थन हासिल हुआ है जिसमें से अधिकतर पार्टी के बागी हैं जिन्होंने निर्दलीयों के तौर पर चुनाव लड़ा था। भाजपा और शिवसेना के बीच बारी..बारी से मुख्यमंत्री के मुद्दे पर वाकयुद्ध चल रहा है।
(भाषा इनपुट)