महाराष्ट्र में कोविड-19 की दूसरी लहर, फिर से लग सकता है लॉकडाउन, सीएम ठाकरे ने दिए निर्देश, टास्क फोर्स की आपात बैठक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 28, 2021 20:00 IST2021-03-28T19:59:14+5:302021-03-28T20:00:17+5:30
आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण की साप्ताहिक संक्रमण दर राष्ट्रीय औसत 5.04 प्रतिशत से अधिक है. महाराष्ट्र में सबसे अधिक संक्रमण दर 22.78 प्रतिशत है.

देश में एक दिन में 62,714 दैनिक नए मामले सामने आए।
मुंबईः महाराष्ट्र में कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है.
आने वाले दिनों में अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर जैसी सुविधाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है. टास्क फोर्स की बैठक में रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि लोग कोरोना से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों की योजना बनाना शुरू कर दें.
टास्क फोर्स की आपात बैठक में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को लागू करने पर चर्चा की गई. बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजेश टोपे, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, टास्क फोर्स के डॉक्टर तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय के साथ ही सरकारी, अर्ध सरकारी कार्यालयों में आगंतुकों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए.
साथ ही उन्होंने निजी कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों में 50 % कर्मचारियों की उपस्थिति का सख्ती से पालन करने के लिए कहा. ठाकरे ने कहा कि सरकार कोविड के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को बचाने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन शादी समारोह, बाजारों में कोरोना से जुड़े नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, ऐसे में लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है.
हालात और खराब हुए तो लॉकडाउन लगाना ही पड़ेगा. बैठक में शुरुआत में प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. बेड, वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन की सुविधाओं की कमी होने लगी है.
3.57 लाख आइसोलेशन बेड में से 1.07 लाख बेड भरेः डॉ. व्यास ने कहा कि फिलहाल 3 लाख 57 हजार आइसोलेशन बेड में से 1 लाख 7 हजार बेड भर गए हैं. बाकी तेजी से भरते जा रहे हैं. 60349 ऑक्सीजन बेड में से 12701 भर चुके हैं. 9030 वेंटिलेटर में से 1881 पर संक्रमितों को रखा गया है. कुछ जिलों में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति विकट हो सकती है.
होम आइसोलेशन में नियमों का पालन नहीं कर रहे लोगः टास्क फोर्स के डॉक्टरों ने कोरोना की वजह से संक्रमितों की संख्या तथा मृत्यु दर बढ़ने की मुख्य वजह संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने में देरी तथा होम आइसोलेशन में रहते हुए नियमों का पालन नहीं करने को बताया है.
कान्टैक्ट ट्रेसिंग पर देना होगा जोर: स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि शहरों के साथ ही गांवों में भी संक्रमितों तथा उनके संपर्क में आए लोगों (कान्टैक्ट ट्रेसिंग) को बढ़ाए जाने की जरूरत है. छोटे शहरों तथा स्थानों पर ई-आईसीयू सुविधा उपलब्ध कराने तथा कोल्ड स्टोरेज की चेन का इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने पर उन्हाेंने जोर दिया.
लॉकडाउन के लिए एसओपी के मुद्दों पर चर्चाः
बैठक में सीमित दिनों के लिए लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार किया गया.
सहायता एवं पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव को कार्यपद्धति (एसओपी) बनाने के लिए कहा गया है.
एसओपी के इन मुद्दों पर चर्चा की गई.
सुनिश्चित किया जाए कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहे.
होम आइसोलेशन के बजाय संस्थागत आइसोलेशन पर जोर दिया जाए.
मृत्यु दर बढ़ सकती है, इसलिए ई-आइसीयू, वेंटिलेटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो.
प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निजी चिकित्सकों की सुविधा ली जाए.
उम्रदराज और जरूरतमंद संक्रमितों के इलाज को प्राथमिकता दी जाए.
निजी संस्थानों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए प्रोत्साहित किया जाए.