महाराष्ट्र: कांग्रेस ने सीएम शिंदे के उद्धव पर किये हमले का दिया जवाब, कहा- "चुनाव करा लें, पता चल जाएगा कि कौन असली है और कौन नकली"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 25, 2023 02:22 PM2023-10-25T14:22:48+5:302023-10-25T14:29:40+5:30
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा उद्धव ठाकरे की आलोचना पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है।
नागपुर:कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा उद्धव ठाकरे की आलोचना पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाविकास अघाड़ी के प्रमुख नेता उद्धव ठाकरे पर सीएम शिंदे के हमले पर कांग्रेस ने कहा कि अगर उन्हें खुद पर इतना ही भरोसा है तो चुनाव करा लें, पता चल जाएगा कि जनता के बीच कौन असली शिवसेना का हकदार है।
दरअसल मुख्यमंत्री शिंदे ने उद्धव पर कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने और शिवसेना की विचारधारा को त्यागने का आरोप लगाया था, जिसके बाद से सूबे कि सियासत में भारी तुफान उठ रहे है। सीएम शिंदे के बयान पर महाराष्ट् विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा, "अगर सीएम शिंदे में हिम्मत है तो राज्य में चुनाव करा लें। उसके परिणाम से पता चल जाएगा कि किसके पास महाराष्ट्र की जनता का समर्थन है और किसके पास शिवसेना की विचारधारा है।"
कांग्रेस नेता वडेट्टीवार की प्रतिक्रिया तब आई जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते मंगलवार को अपने पूर्व प्रुख उद्धव ठाकरे पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा, "उद्धव ठाकरे ने केवल अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शिवसेना के मूल हिंदुत्व के सिद्धांतों को त्यागकर मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) के साथ हाथ मिला लिया था।"
सीएम शिंदे के बयान पर नेता प्रतिपक्ष वडेट्टीवार ने कहा, ''एकनाथ शिंदे यह सब उद्धव ठाकरे को मिल रहे समर्थन के कारण कह रहे हैं। उन्हें चुनाव की घोषणा करनी चाहिए और तब उन्हें पता चलेगा कि कौन असली है और कौन डुप्लिकेट है।''
आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे किसी के साथ हाथ मिला सकते हैं। उन्होंने कहा, "ठाकरे सत्ता के लिए एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, यहां तक कि "लश्कर-ए-तैयबा या हमास" के साथ भी समझौता कर सकते हैं।"
शिंदे ने उद्धव पर हमला करते हुए कहा, "लोग जानते हैं कि आज क्या हो रहा है। हमारे संस्थापक नेता बालासाहेब ठाकरे ने आजीवन अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया। लेकिन उद्धव ठाकरे ने सत्ता के लोभ में कांग्रेस से हाथ मिला लिया। वो आज उन लोगों के साथ मंच साझा कर रहे हैं, जिन्हें बालासाहेब ने हमें हमेशा दूर रखा।"