Maharashtra: सीएम शिंदे बोले-हम शिवसैनिक हैं और हमेशा बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक रहेंगे...
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 4, 2022 16:04 IST2022-07-04T16:02:48+5:302022-07-04T16:04:09+5:30
Maharashtra: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार को अजय चौधरी को हटाकर शिंदे को फिर से शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त कर दिया था।

पहले मुझे एमवीए सरकार में सीएम बनाया जाना था... लेकिन बाद में अजीत दादा (अजीत पवार) या किसी ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए।
मुंबईः महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम शिवसैनिक हैं और हमेशा बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक रहेंगे। मैं आप सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि वहां कौन था जिसने बाला साहब के मतदान पर 6 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
We are Shivsainiks and we will always be Shivsainiks of Balasaheb and Anand Dighe. I want to remind you all who was there who got Bala Saheb's voting banned for 6 years...: Maharashtra CM Eknath Shinde pic.twitter.com/9HWjOTqlIv
— ANI (@ANI) July 4, 2022
पहले मुझे एमवीए सरकार में सीएम बनाया जाना था... लेकिन बाद में अजीत दादा (अजीत पवार) या किसी ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए। मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई और मैंने उद्धव जी से कहा कि आगे बढ़ो और मैं उनके साथ हूं। उस पोस्ट पर मेरी कभी नजर नहीं पड़ी।
Initially, I was supposed to be made CM in the MVA govt... But later Ajit Dada (Ajit Pawar) or someone said that I should not be made CM. I had no problem and I told Uddhav ji to go ahead, and that I was with him. I never eyed that post: Maharashtra CM Eknath Shinde pic.twitter.com/IUxiSDt0H1
— ANI (@ANI) July 4, 2022
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन सोमवार को सदन में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण में जीत हासिल कर ली। 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया।
तीन विधायक मतदान से दूर रहे, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार समेत 21 विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहे। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विश्वास मत को बहुमत मिलने की घोषणा की। हाल में शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या घटकर 287 हो गई है, इसलिए बहुमत के लिए 144 मतों की आवश्यकता थी।
एकनाथ शिंदे पिछले महीने शिवसेना के खिलाफ बागी हो गए थे। अधिकतर विधायकों ने उनका समर्थन किया, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई। ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान विधायक अबू आजमी और रईस शेख (दोनों समाजवादी पार्टी के नेता हैं) और शाह फारुख अनवर (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इस दौरान कांग्रेस के 11 विधायक- अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, धीरज देशमुख, प्रणीति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, राजू आवले, मोहन हम्बर्दे, कुणाल पाटिल, माधवराव जवलगांवकर और शिरीष चौधरी अनुपस्थित रहे। चव्हाण और वडेट्टीवार देर से आए और मतदान के समय तक सदन में प्रवेश नहीं कर पाए।
इनके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अनिल देशमुख, नवाब मलिक, दत्तात्रेय भरणे, अन्ना बंसोडे, बाबनदादा शिंदे और संग्राम जगताप मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। धनशोधन के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी के बाद से देशमुख और मलिक फिलहाल जेल में हैं। भाजपा विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप गंभीर रूप से बीमार होने के कारण सदन में नहीं आए, जबकि भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा अध्यक्ष होने के कारण मतदान नहीं कर सके।
एआईएमआईएम के नेता एवं विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल भी सत्र में शामिल नहीं हुए। शक्ति परीक्षण से पहले उद्धव ठाकरे खेमे के शिवसेना विधायक संतोष बांगर शिंदे के गुट में शामिल हो गए, जिससे मुख्यमंत्री के धड़े की संख्या 40 हो गई। फड़नवीस ने शक्ति परीक्षण के बाद कहा कि विधानसभा में विश्वास मत पर मतदान के दौरान विपक्षी दलों के विधायक ‘ईडी, ईडी’ कहकर चिल्ला रहे थे।
उन्होंने कहा, “यह सच है कि नयी सरकार का गठन ईडी ने किया है, जिसका मतलब एकनाथ और देवेंद्र है।” फड़नवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे का नाम लिए बिना दावा किया कि महाराष्ट्र ने पिछले कुछ वर्षों में ‘‘नेतृत्व की अनुपलब्धता’’ देखी है। उन्होंने कहा, “लेकिन, सदन में दो नेता (वह स्वयं और शिंदे) हैं, जो लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।”