महाराष्ट्र निकाय चुनावः लोकसभा-विधानसभा चुनाव तक ‘इंडिया’ या ‘एमवीए’ गठबंधन, संजय राउत ने कहा- जनता का दबाव बढ़ रहा, उद्धव और राज ठाकरे मिलकर लड़ें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 10, 2025 17:49 IST2025-07-10T17:46:48+5:302025-07-10T17:49:24+5:30
Maharashtra civic elections: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आगामी स्थानीय निकाय चुनाव मिलकर लड़ें।

file photo
Maharashtra civic elections: शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों के लिए ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन या महा विकास आघाडी (एमवीए) जैसी व्यवस्था की आवश्यकता नहीं है। राउत ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि जनता का दबाव बढ़ रहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आगामी स्थानीय निकाय चुनाव मिलकर लड़ें।
उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि चुनावों की घोषणा अभी बाकी है, इसलिए हम उचित समय पर निर्णय लेंगे।’’ राज्यसभा सदस्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एमवीए को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों और ‘इंडिया’ गठबंधन को लोकसभा चुनावों के लिए बनाया गया था। निकाय चुनावों के लिए ऐसे गठबंधनों की कोई आवश्यकता नहीं है।’’
देश भर के लगभग 24 दल ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं जबकि एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) शामिल हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका समेत महाराष्ट्र नगर निकायों के चुनाव इस साल के आखिर में होने की संभावना है। बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना का लगभग दो दशकों तक बीएमसी पर नियंत्रण रहा।
शिवसेना 2022 में विभाजित हो गई थी। राज ठाकरे ने कुछ दिन पहले मुंबई में उद्धव के साथ ‘आवाज मराठीचा’ नामक एक विजय समारोह में मंच साझा किया था। इसका आयोजन महाराष्ट्र के विद्यालयों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने संबंधी सरकार के दो सरकारी प्रस्तावों को वापस लिए जाने के उपलक्ष्य में किया गया था।
राउत ने कहा, ‘‘मैंने यह नहीं कहा कि शिवसेना और मनसे मिलकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने कहा कि जनता की ओर से शिवसेना और मनसे पर स्थानीय निकाय चुनाव साथ मिलकर लड़ने का दबाव और मांग है।’’ राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले के 75 साल की उम्र के बाद पद छोड़ने संबंधी बयान का भी ज़िक्र किया।
शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा कि भागवत का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक संकेत है कि सितंबर में 75 साल की उम्र होने पर उन्हें शीर्ष पद से हट जाना चाहिए। राउत ने कहा कि भागवत ने नागपुर में बुधवार को ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस’ पुस्तक का विमोचन करने के बाद खासतौर पर पिंगले की टिप्पणियों का जिक्र किया।
भागवत ने नागपुर में कार्यक्रम में कहा, ‘‘पिंगले ने एक बार कहा था कि जब आप 75 साल के हो जाते हैं और शॉल ओढ़ाकर आपका सम्मान किया जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एक निश्चित उम्र पर पहुंच गए हैं तथा आपको अब हट जाना चाहिए और दूसरों को काम करने का मौका देना चाहिए।’’