Maharashtra Cabinet Portfolio: मंत्रिमंडल में जगह नहीं, अजित पवार से नाराज छगन भुजबल?, ‘सागर’ बंगले पर सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात, 10-12 दिन दीजिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2024 15:14 IST2024-12-23T15:12:57+5:302024-12-23T15:14:08+5:30
Maharashtra Cabinet Portfolio: मुख्यमंत्री के मुंबई स्थित ‘सागर’ बंगले में उनसे करीब आधे घंटे की मुलाकात के दौरान प्रदेश के पूर्व मंत्री भुजबल के साथ उनके भतीजे समीर भुजबल भी थे।

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Maharashtra Cabinet Portfolio: महाराष्ट्र में नई महायुति सरकार में शामिल नहीं किए जाने से नाराज माने जा रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने सोमवार को यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। भुजबल ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्य के राजनीतिक तथा सामाजिक माहौल पर मुख्यमंत्री के साथ विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री के मुंबई स्थित ‘सागर’ बंगले में उनसे करीब आधे घंटे की मुलाकात के दौरान प्रदेश के पूर्व मंत्री भुजबल के साथ उनके भतीजे समीर भुजबल भी थे।
छगन भुजबल ने कहा, ‘‘फडणवीस ने मुझे बताया कि अन्य पिछड़ा वर्गों ने विधानसभा चुनाव में महायुति की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वह इस बात का ख्याल रखेंगे कि ओबीसी समुदाय के हित प्रभावित नहीं हों।’’ उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने ओबीसी से जुड़े मुद्दों पर विचार के लिए कुछ समय मांगा है।
राकांपा नेता ने कहा, ‘‘फडणवीस ने कहा कि वह 10-12 दिन में कोई फैसला लेंगे।’’ ओबीसी के नेता मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (कुनबी) श्रेणी में आरक्षण देने की कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग के खिलाफ हैं। भुजबल भी इस मांग के मुखर विरोधी हैं। जब भुजबल से पूछा गया कि क्या वह भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी अनदेखी किए जाने के मुद्दे पर वह अपनी राय पहले ही जता चुके हैं।
महाराष्ट्र के कई हिस्सों से आए ओबीसी संगठनों के कुछ प्रतिनिधियों ने रविवार को यहां भुजबल से मुलाकात की थी। नासिक जिले की येवला विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए राकांपा नेता ने शनिवार को नागपुर में संपन्न राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग नहीं लिया था। वह सत्र के पहले दिन नासिक चले गए थे। इससे एक दिन पहले ही महायुति के 39 विधायकों ने नई सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी।