मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया। राज्य की कैबिनेट ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर उसे 'संभाजीनगर' रखने को मंजूरी दे दी। साथ ही उस्मानाबाद का नाम 'धाराशिव' कर दिया गया है। इसके अलावा नवी मुंबई हवाई अड्डे का नाम बदलकर स्वर्गीय डीबी पाटिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे रखने को मंजूरी दी गई है।
इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से बताया गया कि कैबिनेट मीटिंग में कांग्रेस के मंत्रियों ने पुणे शहर का भी नाम बदलने की मांग रखी। उन्होंने मांग की कि पुणे का नाम जिजाउ नगर रखा जाए। उप मुख्यमंत्री अजित पवार और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए।
उद्धव ठाकरे कैबिनेट की ओर से ये फैसले उस समय लिए गए हैं जब सरकार खतरे में है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कई विधायक बगवात कर चुके हैं। कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव सरकार को गुरुवार को फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए कहा है। शिवसेना ने हालांकि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
दूसरी ओर एकनाथ शिंदे ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें 50 विधायकों का समर्थन हासिल है और विधानसभा में संख्याबल की ‘किसी भी परीक्षा’ में वह उत्तीर्ण होंगे। शिंदे के अनुसार उन्हें समर्थन करने वाले विधायकों में शिवसेना के बागी सदस्य और निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
शिंदे ने कहा, ‘हमें कोई नहीं रोक सकता क्योंकि लोकतंत्र में संख्याबल और बहुमत सबसे अहम होता है। उन्होंने कहा, ‘किसी को भी देश के संविधान और नियमों से परे जाने की जरूरत नहीं है। यह महाराष्ट्र और हिंदुत्व की प्रगति के लिए है। बहुमत हमारे साथ है।’